इस चौक के चारो ओर सड़क के कालीकरण को छोड़ प्रायः भाग का अतिक्रमण की चपेट में है। यहां कतिपय लोग चाय-पान दुकानों से लेकर पक्की ईमारतें खड़ी कर ली है।
रांची (मुकेश भारतीय)। इन दिनों ब्लॉक चौक के नाम से चर्चित स्थानीय लाल बहादूर शास्त्री चौक के चारो ओर अतिक्रमणकारियों का बोलबाला है। जिस पर स्थानीय पुलिस-प्रशासन का कोई ध्यान नहीं है।
यह चौक विकास से हजारीबाग फोरलेन और कांके से गोला भाया सिकिदिरी तक जाने वाली अति व्यस्तम सड़क मार्ग सीधा क्रॉस सेंटर है। लेकिन फिलहाल आलम यह है कि इस चौक से किसी आम आदमी या वाहन के लिये मौत का सफर करने समान है। यह स्थिति अतिक्रमण के कारण ही अधिक उत्पन्न हुई है।
इस चौक के चारो ओर सड़क के कालीकरण को छोड़ प्रायः भाग का अतिक्रमण की चपेट में है। यहां कतिपय लोग चाय-पान दुकानों से लेकर पक्की ईमारतें खड़ी कर ली है। इन लोगों ने एनएचएआई द्वारा एनएच-33 के निर्माण के समय आम जन के लिये दोनों ओर घेराबंदी कर बनाई गई साइड रोड को भी नहीं बख्शा है। यहां आम लोग फोरलेन के डेंजर जोन में ही पैदल चलने को विवश हैं।
इस चौक से पश्चिम किनारे का हाल तो और भी बुरा है। कांके जाने वाली सड़क के दोनों किनारे अतिक्रमणकारियों का राज है। एक तरफ जहां लंबी दूरी तक अवैध दूकानें सजा ली गई है, वहीं दूसरी तरफ के लोग सड़क तक कब्जा जमा बैठे हैं।
इसके पूर्वी किनारे का भी कमोवेश यही स्थिति है। सिकिदिरी की ओर जाने वाली सड़क के दोनों ओर कालीकरण तक अवैध गुमटियों और होटलों की भरमार है। एक तरफ जहां एनएच और कृषि विभाग की जमीन के आगे कब्जाएं हैं तो दूसरी तरफ अंचल मैदान की जमीन हथिया कर सड़क तक चैन से अपना कारोबार कर रहे हैं।
रांची की ओर फोरलेन के पूरब एनएच की काफी जमीन खाली पड़ी है। उस पर भी असमाजिक तत्वों ने झुग्गी-झोपड़ी बना ली है। उसके आगे दिनभर बीच सड़क पर ही ऑटो की भीड़ लगी रहती है। उसके पश्चिम की हालत तो और भी बुरी है। लोगों ने सड़क तक अपनी दुकानें बढ़ा ली है।