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बिहार में 477 को छोड़ सभी गांवों का हुआ विद्युतीकरण, अगले साल हर घर में जलेगी बिजली

“नालंदा के हर गांव और टोले को विद्युतीकरण किया जा चुका है। बिहार में कुल 39073 गांव हैं। इनमें 477 गांव को छोड़कर सभी गांवों का विद्युतीकरण कर दिया गया है। शेष बचे 477 गांव को इसी साल के दिसंबर महीने तक विद्युतीकरण करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।”

नालंदा ( राम विलास )। सार्वभौमिक आवास विद्युतीकरण पर नालंदा थाने के सबैत में साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीव्यूशन कंपनी द्वारा  राष्ट्रीय कार्यशाला आयोजित की गई। जिसमें देश के 17 राज्यों के ऊर्जा विभाग के वरीय अधिकारियों ने हिस्सा लिया।

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इस कार्यक्रम में तेलागना के अपर मुख्य सचिव अजय मिश्रा, कंपनी के एम डी आर लक्ष्मण, नालंदा के डीएम डा त्याग राजन एस एम समेत उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, उत्तराखंड, राजस्थान, कर्नाटक, असाम, मणिपुर, मिजोरम, नागालैड, उड़िसा, झारखंड, छत्तीसगढ़, तेलंगाना, मेघालय, जम्मू-कश्मीर, अरुणाचल प्रदेश, महाराष्ट्र के सीनियर ऑफिसर ने नालंदा में मोबाइल एप्स द्वारा दिए जा रहे बिजली कनेक्शन को नजदीक से देखा और समझा।

अधिकारियों के इस दल में भारतीय प्रशासनिक सेवा के अलावे अभियंता संवर्ग के सिनियर अधिकारी थे। वे सभी दो वोल्वो बस से कार्यक्रम स्थल पर आये थे।

इस अवसर पर आयोजित इस राष्ट्रीय कार्यशाला में दक्षिण बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी के एमडी आर लक्ष्मण और इंजीनियर प्रेम कुमार ने मोबाइल एप्स द्वारा दिए जा रहे कनेक्शन पर विस्तार से प्रकाश डाला और विभिन्न राज्यों से आए हुए डेलीगेट्स के सवालों का जवाब दिया।

निदेशक परियोजना एनकेपी सिन्हा ने बताया कि बिहार में कुल 39073 गांव हैं। इनमें 477 गांव को छोड़कर सभी गांवों का विद्युतीकरण कर दिया गया है। शेष बचे 477 गांव को इसी साल के दिसंबर महीने तक विद्युतीकरण करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

उन्होंने बताया कि नालंदा के हर गांव और टोले को विद्युतीकरण किया जा चुका है। विद्युत विभाग का अगला प्रयास है कि इन गांव के प्रत्येक घरों में 2018 तक हर घर बिजली का कनेक्शन दिया जाए।

मालूम हो कि ग्रामीण विद्युतीकरण परियोजना में सराहनीय कार्य के लिए नालंदा को राष्ट्रीय पुरस्कार भी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के हाथों दी गयी है । इस पुरस्कार को नालंदा के डीएम डा त्याग राजन एस एम और दक्षिण बिहार विद्युत वितरण कंपनी के एम डी आर लक्ष्मण ने संयुक्त रूप से ग्रहण किया था।

विद्युत विभाग के इजिनियरो ने बताया कि मोबाइल एप्प सिस्टम से बिजली कनेक्शन देना और लेना बिलकुल आसान है । पहले बिजली कनेक्शन के लिए तीन पन्ने का आवेदन पत्र, साथ में जमीन की रसीद और शपथ पत्र देना होता था। लेकिन अब ऐसा नहीं है । अब बिजली कनेक्शन के लिए केवल आधार कार्ड और आवासीय पता विभाग को देना है । इसके बाद कनेक्शन मिल जाता है ।

बिहार खास कर नालंदा के ग्रामीण विद्युतीकरण देश का मॉडल बन गया है। इसे देख कर दूसरे प्रदेश से आये प्रतिनिधियों में कौतूहल था। वे आश्चर्य चकित भी थे। उन्होंने नालंदा मोडल की तारीफ करते हुए अपने राज्यों में इस माडल को लागू करने की आवश्यकता बताया। सबैत गांव के सभी घरों में विद्युतीकरण करने की विद्युत विभाग ने पुष्टि की है ।

नालंदा का सबैत गांव दूधिया रोशनी से जगमग कर रहा है। देश के विभिन्न राज्यों से आये प्रतिनिधि एक तरफ परियोजना का मुआयना कर रहे थे । दूसरी तरफ बिजली कर्मी नया कनेक्शन करते देखे गये।

इस अवसर पर मुख्य विद्युत अभियंता बीरेन्द्र प्रसाद, नालंदा के विद्युत अधीक्षण अभियंता मो रिजवान, राजगीर के कार्यपालक अभियंता इन्द्रजीत कुमार समेत बड़ी संख्या में अधिकारी मौजूद थे । आरंभ में सबैत के मुखिया मो फखरुज्जमा, जीविका की नगमा प्रवीण, बबिता देवी ने बुके देकर प्रतिनिधियो का स्वागत किया।

इस मौके पर जीविका की इन दीदीयों ने अपने उदगार में कहा कि उनके गांवो में 22-23 घंटे बिजली की आपूर्ति होती है । बच्चों को पढ़ाने, गृहणियो को घरेलू काम करने और किसानों को खेतों की सिंचाई में सहुलियत हो गयी है । कार्यशाला का आयोजन अलग- अलग दो कमरों में किया गया ।

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