“बिहार में एक और घोटाले की सुगबुगाहट दिख रही है। ‘बुडको’ के बाद अब आईडीए में भी घोटाले की आशंका दिख रही है…”
पटना (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज ब्यूरो)। सीएजी ने अपने ऑडिट रिपोर्ट में आईडीए में एक बड़ी गड़बड़ी पकड़ी है। जिसमें एक और घोटाले की बू दिख रही है। आईडीए में पैंतीस सौ करोड़ रूपये की गड़बड़ी सामने आई है।जिसका जवाब फिलहाल राज्य सरकार के पास भी नहीं है।
वहीं सीएम के गृह जिला नालंदा में नालंदा कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग के भवन निर्माण में भी वित्तीय अनियमितता का खुलासा कैग ने किया है। जिसमें 35 करोड़ पैतालीस लाख के घोटाले की आशंका है।
सीएजी ने आईडीए में सितम्बर 2006 से लेकर फरवरी 2015 के बीच में 17 अरब से अधिक के वित्तीय गड़बड़ी पकड़ी थी, लेकिन कयास लगाया जा रहा है कि पिछले ढाई साल में यह वितीय अनियमितता कई गुना बढ़ चुकी है।
आधारभूत संरचना विकास प्राधिकार में बड़े पैमाने पर वित्तीय अनियमितता का खुलासा महालेखाकर की ऑडिट रिपोर्ट में हुआ है।
पिछले दो वित्तीय वर्ष में ही आईडीए में 1800 करोड़ से अधिक और इसके पहले के 9 वर्षों में 1700 करोड़ से अधिक की वित्तीय अनियमितता सीएजी ने पकड़ी है।
11 वर्षों में की इस गड़बड़ी पर आईडीए के अधिकारियों और सरकार द्वारा सीएजी को जवाब नहीं देने को लेकर राज्य में एक बड़ा घोटाला होने की आंशका जताई जा रही है।
उद्योग विभाग के अधीन काम कने वाले आईडीए के जरिये राज्य सरकार भवनों का निर्माण करवाती है। लेकिन सीएजी ने अपने ऑडिट रिपोर्ट में इसमें बड़ी वित्तीय गड़बड़ियां पकड़ी है।
सीएजी की ऑडिट रिपोर्ट पर उद्योग मंत्री जय सिंह ने किसी घोटाले से इन्कार किया है। मंत्री ने सरकार का बचाव करते हुए कहा कि अधिकारियों की लापरवाही की वजह से सीएजी को सालों के लंबित मामलों के जवाब नहीं सौंपे गए हैं।
इससे पहले भी बुडको में भी बड़े पैमाने पर वित्तीय अनियमितता का खुलासा हो चुका है।