“बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष आरती कुजूर ने अफसरों से पूछा कि 14 वर्षीय नाबालिग छात्रा की शादी एक 25 वर्षीय युवक से थाना परिसर में कैसे करा दी गई? उसे मामला उजागर होने के इतने दिन बाद भी कस्तूरबा आवासीय विद्यालय में पढ़ाई जारी रखने की व्यवस्था क्यों नहीं करवाई गई? एक नाबालिग छात्रा एक पूर्ण वयस्क युवक के साथ ससुराल में कैसे रह रही है?…..?
सरायकेला (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज)। आज झारखंड राज्य बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष आरती कुजूर के नेतृत्व में उनकी टीम ने सरायकेला जिले के राजनगर कस्तूरबा आवासीय विद्यालय की नाबालिग छात्रा की शादी मामले का अचानक भौतिक सत्यापन कर सबको चौंका दी।
अध्यक्ष आरती कुजूर के सामने नाबालिग छात्रा ने साफ तौर पर बताया कि उसकी शादी गांव में नहीं, बल्कि थाना परिसर में ही उसके परिजनों और पुलिसकर्मियों ने शादी कराई है।
श्री मति कुजूर ने पीड़िता नाबालिग छात्रा के अलावे शादी से जुड़े दोनों पक्षों के परिजनों से भी रिकार्डेड बात की। सबने बताया कि नाबालिग छात्रा की शादी थाना परिसर में पुलिस ने जबरदस्ती करवाई है।
पूरी जांच-पड़ताल के बाद बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष आरती कुजूर काफी सख्त तेवर में दिखी और सरायकेला के पुलिस-प्रशासन के आला अफसरों को जमकर फटकार भी लगाई है। बाल विकास परियोजना पदाधिकारी व अन्य अफसरों के साथ गोपनीय ढंग से रिकार्डेड जांच के बाद उन्होंने उपायुक्त छवि रंजन, एसपी चंदन कुमार तक को फटकार लगाते हुए दोनों की कार्यशैली पर कड़े सबाल उठाए।
बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष आरती कुजूर ने अफसरों से पूछा कि 14 वर्षीय नाबालिग छात्रा की शादी एक 25 वर्षीय युवक से थाना परिसर में कैसे करा दी गई? उसे मामला उजागर होने के इतने दिन बाद भी कस्तूरबा आवासीय विद्यालय में पढ़ाई जारी रखने की व्यवस्था क्यों नहीं करवाई गई? एक नाबालिग छात्रा एक पूर्ण वयस्क युवक के साथ ससुराल में कैसे रह रही है?