पलामू (संवाददाता)। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद व अन्य छात्र संगठनों से जुड़े छात्रों पर हुए लाठीचार्ज के विरोध में आहूत पलामू बंद का व्यापक असर देखने को मिला। अभाविप के सदस्य सुबह से ही शहर की सड़कों पर उतर गये थे। उन्होंने शहर के प्रमुख मार्गों को जाम कर दिया और लाठी चार्ज के विरोध में जमकर नारेबाजी की।
सड़क जाम रहने के कारण वाहन फंसे रहे। सड़कों पर सन्नाटा पसरा रहा। बंद समर्थकों का कहना था कि पुलिस ने अकारण लाठीचार्ज की है। उन लोगों का गुस्सा पुलिस उपाधीक्षक प्रभात रंजन बरवार को लेकर था। अभाविप ने डीएसपी के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है।
परिषद का कहना है कि लाठीचार्ज के लिए आखिर आदेश किसने दिया। डीएसपी बरवार पूर्वाग्रह से ग्रसित होकर छात्र नेताओं पर लाठीचार्ज कराया है। इसकी जांच होनी चाहिए।
एसडीओ नैंसी सहाय ने जाम स्थल पर आंदोलनकारियों से बात की। इसके बाद परिषद ने सभी जगहों से जाम हटा लिया। दोपहर एक बजे के बाद स्थिति समान्य हुई और वाहनों का परिचालन शुरू हुआ।
विदित कि गुरुवार को सदर प्रखंड के पोखराहा खुर्द गांव में मुख्यमंत्री रघुवर दास मेडिकल कॉलेज का शिलान्यस करने आये थे। इसी दौरान अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद सहित अन्य छात्र संगठन के लोग उन्हें मांग पत्र सौंपना चाहते थे। लेकिन पुलिस ने उन्हें ऐसा नहीं करने दिया।
इसके बाद जब मुख्यमंत्री वापस लौट रहे थे तो संगठन के लोगों ने काला झंडा दिखाकर विरोध किया। इसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज कर दी और छात्रों को खदेड़-खदेड़ कर पीटा। जिसमें कई छात्रों को गंभीर चोटें आई।
एसडीओ को मुख्यमंत्री के नाम सौंपे ज्ञापन में पलामू प्रमंडल में व्याप्त शैक्षणिक व विभिन्न समस्याओं को दूर करने की मांग की गयी है। इस ज्ञापन में कहा गया है कि पुलिस ने किसके आदेश से निर्दोष विद्यार्थियों पर लाठीचार्ज किया है, इसकी न्यायिक जांच की जाये। इसके जिम्मेवार पुलिस उपाधीक्षक प्रभात रंजन बरवार को निलंबित किया जाये। छात्रों पर किये गये मुकदमे को वापस लिया जाये।