एक्सपर्ट मीडिया न्यूज। यूँ तो सरकारी सेवा में कार्यरत कर्मचारी और पदाधिकारी अपनी सेवा से इतर साहित्य, मनोरंजन और खेलों में अपनी छाप छोड़ते रहते हैं।
लेकिन जब कोई पुलिस पदाधिकारी साहित्य में रूचि रखें तो थोडा अटपटा लगता है। समाज में पुलिस की छवि एक कडक मिजाज व्यक्तित्व के रूप में देखी जाती है।
ऐसे ही एक लोकप्रिय पुलिस पदाधिकारी है राजेश कुमार। पटना प्रक्षेत्र के डीआईजी राजेश कुमार में पुलिस पदाधिकारी के अलावा उनमें एक और व्यक्तित्व छिपा हुआ है। पुलिस पदाधिकारी के साथ-साथ एक अलहदा अंदाज भी उनमें है। कवि के रूप में भी उनकी पहचान बन गई है।
पटना प्रक्षेत्र के डीआईजी राजेश कुमार की कविता संग्रह ‘जी ले जरा’ का विमोचन राजगीर में सीएम नीतीश कुमार के हाथो हुआ।
डीआईजी राजेश कुमार की कविता संग्रह ‘जी लें जरा’ में जिंदगी का फलसफा भी है। हताश, निराश लोगों के जीवन में आशा का संचार करने की परिकल्पना उनके कविता संग्रह में दिखता है।
सूबे की विधि व्यवस्था में दिन रात लगे रहने वाले राजेश कुमार अपने व्यस्त समय के बावजूद कविता के लिए समय निकाल ही लेते हैं। कविता लिखने या कहने का कोई अतिरिक्त प्रयास नहीं करते हैं।
बल्कि कविता उनके लिए स्वाभाविक तौर पर जीवन से जुड़ी हुई सहज,नैसर्गिक है।वें आम जन मानस के बीच से कविता खींच लाते हैं। मानवीय संवेदना ही उनकी कविता का केंद्र बिन्दु है।
पटना प्रक्षेत्र के डीआईजी राजेश कुमार की भी गिनती अब कविता के ऐसे ही सिपहसालार के रूप में की जाएगी।