“इस पईन में एक भी सरकारी स्तर से पुल नही बनवाया गया है। जिसके कारण यह घटना घटी है। यदि पुल बना होता तो इस प्रकार की घटना नही घटती। जबकि इस पईन का उड़ाही करवाया गया था। जिसकी वजह से पईन काफी गहरा हो गयी है ।”
इस्लामपुर (रामकुमार वर्मा)। नालंदा जिले के इस्लामपुर थाना के रानीपुर गांव निवासी प्रो. सरोज प्रसाद 58 वर्षीय की मौत मंगलवार को पानी से भरा पइन मे डूबने से हो गयी है।
मृतक के भाई सुभाष प्रसाद ने बताया कि गांव के चिरैला खंधा मे अपने खेत को टैक्टर से जोतवाने के बाद घर वापस आ रहे थे कि रास्ते में पानी से भरा पईन पार करने के दौरान पईन मे डूबने लगे।
प्रोफेसर को डूबता देख आस पास के खेत मे काम कर रही एक महिला ने शोर मचाई और अपने वदन से साड़ी को उतारकर पईन मे फेंक दिया। ताकि उसे पकड़ प्रोफेसर अपनी जान बचा सकें। लेकिन प्रोफेसर साड़ी नहीं पकड़ सके और वे पानी में डूब गये।
इसके बाद हो-हल्ला सुनकर आस पास के ग्रामीण दौड़े और प्रोफेसर के शव को पानी भरे पईन से बाहर निकाला। अचनाक घटी इस हादसे से चारो तरफ सनसनी फैल गयी और गांव मे मातमी सन्नाटा पसर गया।
मृत प्रो. के पुत्र धीरज कुमार ने बताया कि उनके पिता इस्लामपुर स्नातक कालेज के भुगोल विषय के प्रोफेसर थे। खेत जोता रहा था और खेत पर से घर वापस आ रहे थे कि पईन पार करने के दौरान पानी से भरा पईन मे डुवने से मौत हो गयी है।
ग्रामीण मनोज कुमार, पुटू कुमार, आदि ने बताया कि मृतक प्रोफेसर के अलावे समय मिलने पर प्राइवेट रुप से अमीनी का कार्य कर लेते थे।
इस पईन में एक भी सरकारी स्तर से पुल नही बनवाया गया है। जिसके कारण यह घटना घटी है। यदि पुल बना होता तो इस प्रकार की घटना नही घटती।
जबकि इस पईन का उडाही करवाया गया था। जिसकी वजह से पईन काफी गहरा हो गयी है और पानी अधिक रहने की वजह से प्रोफेसर की डूबने से मौत हो गयी।
वही घटनास्थल पर पहुंचकर पुलिस ने घटना का जायजा लिया और सीओ विजय कुमार ने बताया कि मृतक परिजनो को आपदा प्रवंधन के तहत चार लाख रुपया मुआवजा दिया जाएगा।
इस अचानक मौत पर उपप्रमुख शैलेंद्र कुमार, डा.रीतेश गांधी,कालेज के प्रिंसपल अर्जुन प्रसाद,उप प्रिंसपल उमेश प्रसाद, प्रोफेसर मिथलेश प्रसाद, विमल प्रसाद, अजीर विहारी,अरुण कुमार, गिरजानंदन प्रसाद, नवीन कुमार, सुनील प्रसाद, महेंद्र प्रसाद, वीरेंद्र प्रसाद, अरविंद प्रसाद, मुखिया रिंकु देवी, अनील रविदास, जदयु नेता आनंद कुमार, वीरेंद्र कुमार आदि ने दुख प्रकट किया है।