“एक तरफ जहां चहुमुखी विकास के लिए सीएम सात निश्चय योजना के तहत ग्राम पंचायत के वार्ड सदस्यों को विकास करने का सारा सेहरा देते हैं, सीएम के गृह जिले में विभागीय पदाधिकारी समेत बड़े-बड़े सफेदपोश लोग विकास की ज्योत को फूंक मार कर बुझाने में लगे है।”
एक्सपर्ट मीडिया न्यूज (राजीव रंजन)। पिछले 29 को कुछ ऐसा ही अजीब सा मामला प्रकाश में आया है सुशासन बाबू के गृह जिले नालंदा के चंडी प्रखंड-पंचायत के कोरूत गांव के वार्ड संख्या 11 के महिला वार्ड सदस्या रीना देवी को पंचायत सचिव अरविंद कुमार के द्वारा वार्ड में सचिव के चयन को लेकर अभद्र व्यवहार के साथ जबरन हाथ पकड़कर विभागीय कागजात पर हस्ताक्षर करा लिया।
वार्ड सदस्या रीना कुमारी के अनुसार वार्ड में आम सभा लगाकर वार्ड सचिव का चयन करना था,जो वार्ड सदस्य के द्वारा पूर्व में ही आमसभा लगाया गया। मगर मुखिया का दबाव था कि वार्ड सचिव उसका कोई अपना गुर्गा ही बने।
जिसका विरोध वार्ड सदस्या रीना देवी के द्वारा किया गया। मगर उनकी विरोध पर अपनी अधिकारिक रौब जमा अभद्रता का व्यवहार करते हुए पंचायत सचिव अरविंद कुमार जबरन हाथ पकड़ कर हस्ताक्षर करा लिए।
वहीं महिला सदस्य ने आज नालंदा पुलिस अधीक्षक से मिलकर इसकी शिकायत करते हुए प्राथमिकी दर्ज करने की गुहार लगाई है।
नालंदा जिला वार्ड सदस्य संघ ने बताया कि यदि पीड़ित महिला वार्ड सदस्य को इंसाफ नहीं मिली तो जिले के सभी वार्ड सदस्य आंदोलन पर बैठ जाएंगे। आखिर एक पंचायत स्तर के अधिकारी को एक महिला प्रतिनिधि के साथ इस तरह का व्यवहार बिल्कुल अमर्यादित है।
सवाल उठता है कि राज्य के मुखिया जिस वार्ड सदस्य को पंचायत में अपने वार्ड के विकास को लेकर सारा कार्यभार सौंप दिए, उस आदेश का उल्लंघन करते हुए सरकार के रहम खोर कर्मचारी-सफेदपोश केवल अवैध तरीके से काली कमाई का जरिया समझ बैठे हैं।