“मामला सरकारी चावल की कालाबाजारी का, सुशीला और मनोज ठहराए गए दोषी, मामले में लपटाए एक और हेडमास्टर, संवेदक ओमप्रकाश को मिली राहत”
नालंदा एसपी द्वारा हिलसा के पूर्व डीएसपी प्रवेन्द्र भारती के आदेश के पलटे जाने के साथ ही सरकारी चावल की कालाबाजारी का मामला ‘यू-टर्न’ ले लिया। एसपी के आदेश में अभियुक्त सुशीला कुमारी और मनोज कुमार को जहां दोषी माना गया वहीं ओमप्रकाश प्रथम दृष्टया में निर्दोष पाए गए। जबकि लपेटे में आए एक और स्कूल के हेडमास्टर जो एफआईआर में आरोपी भी नहीं बनाए गए थे।
हिलसा (धर्मेन्द्र)। पिछले साल अक्टूबर माह में गुप्त सूचना के आधार पर पुलिसिया कार्रवाई में मिडिल स्कूल हिलसा से इकत्तीस बोरा सरकारी चावल लदा टै्रक्टर पकड़ाया था। इस संबंध में प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी दिनेशधारी सिंह द्वारा थाने में एफआईआर दर्ज की गई थी।
एफआईआर में मिडिल स्कूल हिलसा के हेडमास्टर सुशीला कुमारी, मिड-डे-मिल प्रभारी मनोज मालाकार तथा संवेदक ओमप्रकाश को नामजद आरोपी बनाया गया था।
पर्यवेक्षण के दौरान आए तथ्यों के आधार पर डीएसपी ने आरोपी बनाए गए मिडिल स्कूल हिलसा के हेडमास्टर सुशीला कुमारी, मिड-डे-मिल प्रभारी मनोज मालाकार को प्रथम दृष्टया में दोषी नहीं माना।
गहराई से छानबीन के बाद ही दोंनो संलिप्ता एवं सहभागिता के बारे में निर्णय लिया जाना श्रेष्कर माना। जबकि कांड में आरोपी बनाए गए संवेदक ओमप्रकाश के विरुद्ध आरोप को सत्य पाए थे।
इसी बीच आरोपी संवेदक ओमप्रकाश के भाई नीरज कुमार निराला एसपी को आवेदन देकर न्याय की गुहार लगायी।
नीरज ने अपने भाई को निर्दोष बताते हुए कालाबाजारी के खेल के हर-पहलू को बताया। मामले को गंभीरता से लेते हुए एसपी ने उन हर पहुओं पर ध्यान केंद्रित किया, जिसे डीएसपी अपने पर्यवेक्षण में नहीं ला सके थे।
एसपी द्वारा जारी प्रतिवेदन में पूरा मामला ही पलट गया।
डीएसपी के पर्यवेक्षण में जांच में रहे मिडिल स्कूल हिलसा के हेडमास्टर सुशीला कुमारी, मिड-डे-मिल प्रभारी मनोज मालाकार के अलावा चर्चा से दूर रहे उत्क्रमित मध्य विद्यालय पचरुखिया के हेडमास्टर रामाशीष प्रसाद को प्रथम दृष्टया में दोषी ठहरा दिए गए।
जबकि डीएसपी के पर्यवेक्षण में दोषी ठहराए गए संवेदक ओमप्रकाश संलिप्ता प्रथम दृष्टया में नहीं मानते हुए गहराई से छानबीन की आवश्यकता जतायी गयी।
बहरहाल जो भी तकरीबन नौ माह पहले चर्चा में आया सरकारी चावल कालाबाजारी का मामला एसपी के हालिया आदेश के बाद फिर चर्चा में आ गया। अब देखना है कि आने वाले दिन में यह मामला किस ओर करवट लेता है।