नालंदा (संवाददाता)। समाज में भ्रष्टाचार की बात अब करना वैसा ही है ,जैसे सत्यवादी हरिश्चंद्र की कथा सुनाना। शायद इस देश में ईमानदारी लुप्त चीज हो गई है, वही बेईमानी उतनी पुरानी बात हो गई है। तभी तो समाज में भ्रष्ट लोगों और अधिकारियों की कमी नहीं है, जो समाज को दीमक की तरह खाएं जा रहे हैं। सोमवार को नालंदा के राजगीर और बिंद में दो घूसखोर अधिकारी निगरानी के हत्थे चढ़ गए। जिन्हें टीम अपने साथ पटना ले गई।
बिहार के पहले पुलिस ट्रेनिंग सेंटर के पुलिस भवन निर्माण के कार्यपालक अभियंता अवधेश कुमार रस्तोगी को निगरानी की टीम ने सोमवार को घूस लेते रंगे हाथ धर दबोचा। श्री रस्तोगी पीटीसी के कार्यालय में सोमवार को एक ठेकेदार से 30 हजार रुपये नकद घूस ले रहे थे। वहीं उनके पास से एक लाख दो हजार रुपये नकद, जिसमें 63 हजार का पुराना नोट ओर 39 हजार का नया नोट बरामद हुआ।
निगरानी टीम के डीएसपी महाराजा कनिष्क कुमार सिंह ने बताया कि पटना के संवेदक सुनील कुमार ने निगरानी में आवेदन दिया था कि उनके द्वारा काम किये हुए नौ लाख रुपये के चेक जारी करने के एवज में एग्जीक्यूटिव इंजीनियर एके रस्तोगी उनसे 30 हजार रुपये की रिश्वत की मांग कर रहे हैं। वहीं बिंद के शिक्षा पदाधिकारी मुकेश्वर शर्मा को भी निगरानी ने एक काम के बदले में 4हजार की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ा। निगरानी बीईओ को अपने साथ पटना ले कर गई है ।
डीएसपी ने बताया कि इंजीनियर के कार्यालय में बैग से 63 हजार रुपये बरामद हुए। वहीं जब उनके निवास से 39 हजार रुपये नकद पाए गए। इस छापेमारी में निगरानी के नव प्रोन्नत डीएसपी अमरनाथ सिंह, डीएसपी जयप्रकाश पाठक, डीएसपी विनोद कुमार, अजय प्रताप सिंह, मणिकांत, शशिकांत, जवाहर पासवान सहित अन्य शामिल थे।
अचानक निगरानी की इस कार्रवाई से भ्रष्ट अधिकारियों की नींद उड़ गई है।