अन्य
    Wednesday, April 24, 2024
    अन्य

      डॉक्‍टर ने पेट दर्द की शिकायत पर दो युवक को लिखा प्रेगनेंसी टेस्ट की पर्ची?

      डॉक्‍टरों को ऑपरेशन के दौरान शरीर में कैंची या अन्‍य टूल्‍स छोड़े जाने की घटनाएं तो आपने पढ़ी होंगी लेकिन झारखंड में एक अजीब मामला सामने आया है…………”

      एक्सपर्ट मीडिया न्यूज डेस्क।  झारखंड के चतरा जिले में एक डॉक्‍टर ने दो पुरुषों को पेट दर्द की शिकायत पर प्रेगनेंसी टेस्ट कराने की प्रिस्क्रिप्‍शन लिख दी है। इसकी शिकायत जब की गई तो महकमे में हड़कंप मच गया। अब मामले की जांच के निर्देश दिए गए हैं। यह दिलचस्प मामला विगत एक अक्टूबर की है।

      कहते हैं कि सिमरिया प्रखंड के चोरबोरा गांव निवासी महावीर गंझू का 22 वर्षीय पुत्र गोपाल गंझू और सुधु गंझू का 26 वर्षीय पुत्र कामेश्वर गंझू को अचानक पेट में दर्द उठा। परिजन उपचार के लिए रेफरल अस्पताल लेकर पहुंचे।jharkhand hospital 2

      परिजनों के मुताबिक, उस वक्‍त ड्यूटी पर डॉक्टर मुकेश मौजूद थे। उन्होंने दोनों मरीजों को देखा अस्पताल की पर्ची संख्या 17028 एवं 17032 पर कथित तौर पर प्रेगनेंसी टेस्‍ट की सलाह दी।

      यही नहीं डॉक्‍टर ने युवकों को एचआईवी, एचबीए, एचसीवी, सीबीसी, एचएच-2 और एएनसी चेकअप की सलाह दिया। साथ ही दोनों को करीब-करीब एक ही तरह की दवाएं लिख दी। दोनों युवक जांच के लिए एक निजी पैथोलॉजी लैब गए।

      जांच करने वाला डॉक्टर अस्पताल की पर्ची देखकर दंग रहा गया। कुछ जांचें तो उसने की लेकिन प्रेगनेंसी आदि की जांच से इंकार कर दिया। इसके बाद दोनों युवकों ने वरिष्‍ठ डॉक्‍टर अरुण कुमार पासवान से उक्‍त वाकए की शिकायत की। 

      चतरा जिले के सिविल सर्जन डॉक्‍टर पासवान ने बताया कि इस शिकायत के आधार पर जांच बैठा दी गई है। वहीं आरोपी डॉक्‍टर मुकेश कुमार ने सभी आरोपों को खारिज कर दिया है।

      उन्‍होंने कहा कि कतई ऐसा नहीं हो सकता है। मुझे बदनाम करने की साजिश है। ओवर राइटिंग से ऐसा किया गया है। रजिस्टर पंजी में एएनसी जांच नहीं लिखी हुई है। हालांकि पर्ची देखने से नहीं लगता है कि ओवर राइटिंग की गई है।jharkhand hospital 1

      वैसे अब तो जांच के बाद ही पता चलेगा कि क्‍या वाकई मरीजों को पेट दर्द की शिकायत पर ऐसा प्रिस्क्रिप्‍शन दिया गया था या नहीं।

      बहरहाल, डॉक्‍टर द्वारा ऐसा अजीब प्रिस्‍क्रि‍प्‍शन देने का यह कोई पहला मामला नहीं है। इससे पहले जुलाई में सिंघभूम जिले में ऐसा ही मामला सामने आया था। उस वक्‍त पेट दर्द की शिकायत पर डॉक्‍टर ने एक महिला को कंडोम का प्रिस्‍क्रिप्‍शन लिखा था।

      इसका पता उस महिला को तब चला था, जब वह दवा की दुकान पर पर्ची लेकर गई। मेडिकल स्‍टोर पर बैठे शख्‍स ने ही उसे बताया कि डॉक्‍टर ने पर्ची में दवा के बजाए कंडोम प्रेस्‍क्राइब किया है।

      जानकार बताते हैं कि निरपेक्ष न्यूट्रोफिल काउंट (एएनसी) रक्त में मौजूद न्यूट्रोफिल ग्रैन्यूलोसाइट्स-1 के रूप में भी जाना जाता है। न्यूट्रोफिल एक प्रकार का सफेद रक्त कोशिका है, जो संक्रमण से लड़ता है।

      गर्भवती की संपुष्टी के बाद एएनसी टेस्ट कराया जाता है। गर्भवती होने के बाद हर तीन महीने पर इसकी जांच कराई जाती है।

      संबंधित खबरें
      error: Content is protected !!