“इस फार्म में बने पोली हॉउस में सालो भर सब्जी सालों भर उपजाया जाता है तथा नर्सरी तैयार किया जाता है। यहां उपजे नर्सरी मधुवनी, सासाराम, पटना में भेज जाता है। यहाँ ट्रेनिंग होने पर नालंदा के साथ दुसरे जिले के किसान भी प्रभावित हो रहा है।”
चंडी (संजीत)। बिहार सरकार के कृषि मंत्री प्रेम कुमार ने नालंदा जिले के चंडी स्थित इंडो इजेराइल प्रोजेक्ट के तहत बना सेंटर फॉर एक्सीलेंस फॉर बेजिटेवल का निरिक्षण किया।
इस दौरान जैविक खेती के द्वारा उपजाए जाने वाले खीरा, शिमला मिर्च, चेरी टमाटर सहीत अन्य चीजो के बारे बारीकी से निरिक्षण कर इसकी जानकारी ली।
इस दौरान कृषि विभाग के अधिकारियों ने मंत्री को बताया कि यह प्रोजेक्ट का लागत चार करोड़ इकसठ लाख का है। यह पुरे 15 एकड़ में सब्जी उपजाई जा रही है। यहाँ इजराइल से आया तकनीक के द्वारा खेती किया जाता है। इसमें कीड़ा-मकोड़ा का प्रकोप नहीं रहता है।
निरिक्षण के दौरान बताया कि जनवरी 2018 में इसी सेंटर में किसान चौपाल लगाकर इस खेती के बारे में अधिक से अधिक किसानों की जानकारी दी जायेगी। इसमें जिले भर के किसानों को सम्मिलित किया जाएगा। इस चौपाल में वे खुद शिरकत करेंगे।
भाजपा जिला उपाध्यक्ष सह प्रवक्ता ने मंत्री महोदय से मांग रखते हुए कहा कि इस फ़ार्म में उपजने वाले सब्जी व नर्सरी से यहाँ के किसान व आम लोग बंचित है। किसानों के लिए प्रशिक्षण के व्यवस्था व सब्जी और नर्सरी के लिए एक स्टॉल लगाया जाय। ताकि यहाँ के लोग जान सके। इस पर मंत्री ने सहमती भी जतायी।