अपने पत्र में मुखिया ने कहा है कि ग्राम पंचायत राज गोराइपुर के पूर्व मुखिया राकेश कुमार एवं ग्राम पंचायत सचिव नरेंद्र कुमार सिन्हा के द्वारा वर्ष 2011 में अवैध तरीके से, जिसका प्रारंभिक शिक्षक नियोजन पंजी 2008 पर आवेदन नहीं होने के बाद भी पदाधिकार (शिक्षक नियोजन अपीलीय पदाधिकार नालंदा) के मेल से तीन शिक्षक मोहम्द हसन, अफ़सा परवीन, रबी कुमार रंजन को पदस्थापना उर्दू प्राथमिक विद्यालय सुलेमान चक में कर दिया गया।
जबकि पूर्व से कार्य कर रहे शिक्षक पंचायत शिक्षक मोहम्द मुसअब खान, सबाना परवीन, अरविंद कुमार को स्थानीय उच्य न्यायालय के आदेश के आलोक में सात माह का मानदेय भुगतान भी किया जा चुका है।
इन लोगो को अब तक किसी भी कार्यलय से नियोजन भी रद्द नही किया गया है। इनलोगों का विद्यालय में कार्यरत होने का प्रमाण वहां के पूर्व प्रधानाध्यापक मोहम्द जाहिद कलाम द्वारा योगदान कराने का पत्र, अनुपस्थिति विवरण एवं लोकसभा चुनाव में कराए गए प्रशिक्षण पत्र से मिलता है कि ये तीनों शिक्षक उक्त विद्यालय में पूर्व से कार्यत हैं।
इन अबैध रूप से नियुक्त शिक्षकों के विरुद्ध माननीय उच्च न्यायालय पटना में न्याय के लिए अपील दायर किया गया है, जिसका केस नम्बर CWJC 24860/2013 है।
इसलिये अवैध रूप से नियुक्त शिक्षकों के मामले की जांच करते हुए तत्काल प्रभाव से मानदेय बंद करते हुए उनकी नियोजन रद्द की जाय।