अन्य
    Saturday, April 20, 2024
    अन्य

      कोर्ट की ‘कंजुकेटिव’ या ‘कम्प्रीहेंसिंग’ फैसले पर निर्भर है लालू की सज़ा

      “ धारा 120 बी के तहत लालू की सजा का होगा निर्धारण, न्यूनतम 2 और अधिकतम 5 साल की सजा का प्रावधान, सजाएं साथ चलेंगी या अलग-अलग, फैसला न्यायालय पर निर्भर”

      रांची (विनायक विजेता)। बहुचर्चित चारा घोटाले में देवघर कोषागार से अवैध निकासी संबंधित मामले में बीते 23 दिसम्बर को रांची के बिरसा मुंडा केन्द्रीय कारागार में भेजे गए पूर्व मुख्यमंत्री व राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद पर भादवि की धारा 120 बी के तहत सजा सुनाई जा सकती है।

      Lalu convicted by cbi court 1 1रांची सीबीआई अदालत के अंदरुनी सूत्रों के अनुसार इस मामले में राजद सुप्रिमो को चारा घोटाले का षडयंत्रकर्ता मानकर न्यायालय उनके सजा के बिन्दुओं पर आगामी 3 जनवरी को फैसला सुनाएगी।

      भादवि की धारा 120 बी के तहत न्यूनतम 2 वर्ष और अधिकतम 5 वर्ष की सजा का प्रावधान है।

      गौरतलब है कि इसके पूर्व भी वर्ष 2013 में चारा घोटाला के एक अन्य मामले में लालू प्रसाद को पांच वर्ष की सजा रांची की ही सीबीआई अदालत ने सुनाई थी। तब 76 दिनों तक रांची के होटवार जेल में रहने के बाद सुप्रीम कोर्ट द्वारा लालू प्रसाद को जमानत मिली थी।

      लालू प्रसाद की तरह ही पूर्व सांसद जगदीश शर्मा व आर के राणा पर भी इस धारा के तहत ही सजा सुनाए जाने की संभावना है।

      अब सवाल यह है कि सजा के बिन्दुओं पर अदालत ‘कंजुकेटिव’ या फिर ‘कम्प्रीहेंसिंग’ का फैसला लेती है। ‘कंजुकेटिव’ के फैसले में जिस व्यक्ति को एक ही मामले में कई बार सजा मिलती है वो सारी सजाएं साथ-साथ चलती है पर ‘कम्प्रीहेंसिंग’ के आदेश में सारी सजाएं अलग-अलग चलती हैं।

      लालू प्रसाद व पूर्व सांसद जगदीश शर्मा के समर्थकों और शुभचिंतकों को अब 3 जनवरी का इंतजार है कि उस दिन माननीय न्यायालय सजा के बिन्दुओं पर अपना क्या फैसला सुनाती है।

      बहरहाल इस मामले में जेल भेजे गए लालू प्रसाद और पूर्व सांसद डा. जगदीश शर्मा जेल के स्पेशल वार्ड में साथ ही साथ रखे गए है।

      संबंधित खबरें
      error: Content is protected !!