बरबीघा (संवाददाता)। “किसानों को उनके फसलों के लागत का डेढ़ गुना समर्थन मूल्य देने, हर साल दो करोड़ बेरोजगारों को काम देने तथा 100 दिनों में महंगाई दूर कर अच्छे दिन लाने व विदेशों में जमा 80 लाख करोड़ रुपए का काला धन भारत लाकर हर देशवासी के खाते में 15 लाख रुपए भेजने का सब्जबाग दिखाकर देश की सत्ता हड़पने वाली भाजपा की मोदी सरकार के कॉर्पोरेट परस्त व किसान विरोधी नीतियों के कारण घाटे की खेती एवं कर्ज के बोझ से हताश किसानों की आत्महत्याओं का सिलसिला जारी है।”
उक्त बातें अखिल भारतीय किसान सभा के संयोजक तथा तरारी विधानसभा के विधायक भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी लेनिनवादी के विधायक सुदामा प्रसाद ने कही। वे बरबीघा के वार्ड पाँच शेरपर में प्रेस वार्ता कर कही।
इस अवसर पर सुदामा प्रसाद ने कहा कि धान की लागत मूल्य 1600 और यदि जमीन का किराया जोड़ा जाए तो 2100 प्रति क्विंटल है परंतु केंद्र की मोदी सरकार मात्र 1550 समर्थन मूल्य देती है जबकि डेढ़ गुणा समर्थन मूल्य देने का वादा किया। आज किसानों की आवाज को दबा दिया गया है और इसी वजह से किसान खेती से मुख मोड़ रहे हैं।
सुदामा प्रसाद ने कहा कि 20 नवंबर को जंतर मंतर पर होने वाले किसान संसद में बड़ी संख्या में किसान भाग लेंगे तथा केंद्र सरकार को किसानों की आवाज जोर से सुनाई देगी। सुदामा प्रसाद नगर क्षेत्र के शेरपर गांव में विभिन्न लोगों से मुलाकात कर किसान संसद में भाग लेने की अपील भी की।
इस अवसर पर मिथलेश कुमार मिट्ठू, अरुण सिंह, धर्मराज कुमार, रुस्तम सिंह, सियाराम सिंह, धर्मराज कुमार, धर्मवीर, शत्रुघ्न गोस्वामी सहित अन्य लोग उपस्थित थे।