रांची (INR)। क्या नेपाल के मौजूदा पीएम पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ ने अपने दूसरे माओवादी साथियों के साथ झारखंड के जंगलों में हथियार चलाने से लेकर पूरा नक्सली नेटवर्क बनाने की ट्रेनिंग ली थी? रांची में नक्सलियों के सबसे बड़े कमांडरों में से एक कुंदन पाहन के सरेंडर के बाद यह सनसनीखेज बात सामने आई है।
कुंदन ने पुलिस को बताया है कि उसने साल 2000 में नक्सली ट्रेनिंग ली थी जिसमें उसके साथ प्रचंड भी शामिल थे।
उसका दावा है कि झारखंड के बोकारो से सटे जंगल में उसने हर तरह की ट्रेनिंग ली थी। उसके कैंप में दुनिया के सबसे आधुनिक हथियार आते थे। उन्हें ट्रेनिंग देने पश्चिम बंगाल से एक टीम आती थी।
कुंदन का खुलासा इसलिए भी चौंकाता है क्योंकि, इससे पहले तक यही माना जाता था कि नेपाल के टॉप माओवादी चीन में ट्रेनिंग पाते हैं।
इंटेलिजेंस से जुड़े एक सीनियर अधिकारी ने कुंदन के दावे पर कहा कि वह जिस समय की बात कर रहा है, उसे देखते हुए दावे को खारिज नहीं किया जा सकता।
2006 में नेपाल की मुख्यधारा की राजनीति में आने से पहले प्रचंड नेपाल के बाहर माओवाद से जुड़े थे और भारत में रह रहे थे।
2000 के आसपास प्रचंड और उनकी टीम भारत में ही थी। दिल्ली, नोएडा और वाराणसी में उनके रहने की बात सामने भी आ चुकी है लेकिन, झारखंड के जंगल में ट्रेनिंग की बात नई है।
कुंदन पाहन तब मात्र 16 साल की उम्र में ट्रेनिंग पाकर खतरनाक नक्सल नेता बन गया और आज उस पर मंत्री, सांसद, विधायक, डीएसपी दो दर्जन से अधिक पुलिसवालों की हत्या के अलावा करोड़ों रुपये की बैंक डकैती के केस दर्ज हैं।
रांची के नामी कॉन्वेंट स्कूल में पढ़ती है उसकी बेटी
कुंदन पाहन भले ही नक्सल और गरीबों की लड़ाई लड़ने की बात करता हो लेकिन उसने अपनी बेटी को सबसे महंगे स्कूल में ऐडमिशन दिलाया हुआ है। सूत्रों के अनुसार उसकी बेटी रांची के एक नामी स्कूल में पढ़ती है।
अधिकारियों के अनुसार कुंदन के सरेंडर करने के पीछे उसका बेटी से लगाव भी कारण था। वह अपनी बेटी को बेहतर जिंदगी देना चाहता है। इसके अलावा उसने सरेंडर करने के साथ ही राजनीति में आने की भी इच्छा जाहिर की है।
सूत्रों के अनुसार वह जेल से निकलने के बाद जेएमएम से जुड़ सकता है। सूत्रों के अनुसार आने वाले दिनों में उससे पूछताछ के दौरान कई दूसरे नेताओं के नक्सलियों से रिश्ते की बात भी सामने आ सकती है।