एक्सपर्ट मीडिया न्यूज (राजीव रंजन)। नालंदा जिला प्रशासन के द्वारा महीनों पूर्व से चल रही 29 एवं 30 मार्च को आयोजित होने वाले कुंडलपुर महोत्सव की तैयारियां चरम सीमा पर थी। लेकिन उसमें सेंधमारी सारे आयोजन की यूं ही पोल खोलती है। तैयारी के नाम पर केवल सरकारी राशियों का बारा-न्यारा कर प्रशासन द्वारा भोले भाले जनता को ठगा गया है।
जैन तीर्थ क्षेत्र भगवान महावीर की जन्म स्थली नालंदा जिले के कुंडलपुर गांव में जहां प्रत्येक वर्ष कुंडलपुर महोत्सव का आयोजन किया जाता है। इस वर्ष 2018 में भी महोत्सव का आयोजन किया गया।
इस आयोजन की पड़ताल से साफ जाहिर होता है कि साफ सफाई एवं तैयारियों तथा महोत्सव को यादगार बनाने के नाम पर सरकारी योजना से करोड़ों रुपया का चूना तो लगा दिया गया, मगर भगवान महावीर के जन्म स्थल कुंडलपुर जाने के लिए बिहार शरीफ राजगीर NH 82 मुख्य मार्ग पर स्थित तोरण द्वार जो ‘भगवान महावीर की जन्मभूमि कुंडलपुर द्वार’ के नाम से बना हुआ है, उसे जिला प्रशासन के द्वारा या जो इस महोत्सव के कर्ता-धर्ता थे, उनके द्वारा मुख्य द्वार की रंगाई-पुताई तो दूर, हद तो यह है कि उस पर जो बेतरतीव कागजी प्रचार प्रसार के चिथड़े सटे थे, उसकी साफ-सफाई तक नहीं की गई।
मुख्य मंदिर से सटे हुए दोनों मुख्य द्वार में भी इसी तरह का माजरा देखने को मिला। न रंगाई-पुताई हुई और न ही उस गेट में सट्टे के प्रचार-प्रसार के कागज को साफ-सुथरा किया गया। यह लोहिया स्वच्छ बिहार या फिर प्रधानमंत्री स्वच्छता अभियान को साफ ठेंगा दिखाता है।
खैर कहने की कोई बात नहीं है। जब ‘सैंया भए कोतवाल तो अब डर काहे का’ वाली कहावत है। इस महोत्सव के उद्घाटनकर्ता खुद बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ग्रामीण विकास एवं संसदीय कार्य मंत्री श्रवण कुमार क्षेत्रीय विधायक रवि ज्योति कुमार बिहार शरीफ की एमएलसी रीना यादव इत्यादि गणमान्य लोग उपस्थित थे।