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    Thursday, April 18, 2024
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      किडनी रोगग्रस्त पुत्र के लिए यूं ठोकरें खा रहा पिता, अस्पताल ने कहा- पैसे जमा कर ले जाओ घर, मंत्री के निर्देश पर सीएस ने कहा- पहले आवासीय लाओ

      कर्ज और बेबसी के बीच बाप सरकारी टेबुल- टेबुल दौड़ लगाकर अपने बच्चे के जिंदगी का जंग हर दिन लड़ रहा है, मगर सरकार के बाबुओं को तो कागज चाहिए……”

      सरायकेला (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज)। जिले के आरआईटी थाना अंतर्गत बबकुटी निवासी कौशल सिंह के पुत्र को जन्मजात एक किडनी नहीं था। इधर दूसरे किडनी ने भी 60 फीसदी काम करना बंद कर दिया। बेटे के ईलाज में पिता ने खेत और जमीन तक गिरवी रख दिया मगर दिन प्रति दिन पुत्र की स्थिति बिगड़ती जा रही है।

      उधर कौशल सिंह के बीमार पुत्र का ईलाज कर रहा ब्रम्हानंद अस्पताल ने भी आगे इलाज पैसा जमा करने के बाद ही करने का फरमान जारी कर दिया। लाचार और बेबस पिता स्वास्थ मंत्री बन्ना गुप्ता के पास पहुंचे, मंत्री जी ने जिले के सिविल सर्जन को मामला देखने का निर्देश दियाKIDNY 2

      सिविल सर्जन ने आवासीय प्रमाण पत्र और राशन कार्ड की मांग की। अब पिता एसडीओ और अंचल कार्यालय का चक्कर काट रहा।

      यानि कर्ज और बेबसी के बीच बाप सरकारी टेबुल- टेबुल दौड़ लगाकर अपने बच्चे के जिंदगी का जंग हर दिन लड़ रहा है, मगर सरकार के बाबुओं को तो कागज चाहिए औऱ एक-दो दिन में वो बनने से रहा।

      सरायकेला के तमुलिया स्थित ब्रम्हानंद नारायणा अस्पताल के जनरल वार्ड बेड संख्या 17 में इलाजरत 20 वर्षीय सूरज कुमार सिंह के पिता कौशल सिंह को जैसे ही अस्पताल प्रशासन ने आज 12 बजे तक तीस हजार जमा नहीं कराने पर छुट्टी कर देने का फरमान सुनाया, हताश कौशल सिंह के पैरों तले जमीन खिसक गया।

      उन्होंने सरकारी प्रक्रिया जारी रखने का हवाला दिया। मगर अस्पताल प्रशासन ने दो टूक कहा- जितना संभव हुआ किया। आज 12 बजे तक पैसे जमा नहीं कराते हैं तो मरीज को डिस्चार्ज कर दिया जाएगा।KIDNY 1

      इधर कौशल सिंह की माली हालत और वर्तमान स्थिति से निबटने के लिए बाबाकुटी निवासी सामाजिक कार्यकर्ता नरेंद्र कुमार शाही अपने स्तर से बस्ती के लोगों से घूम- घूमकर चंदा इकट्ठा कर पैसों का प्रबंध करने में जुटे हुए हैं।

      नरेंद्र साही ने आम लोगों से परिवार के दुःख की घड़ी में एकजुटता दिखाने की अपील की है। उन्होंने कहा 7462912746/ 7903654821 पर सम्पर्क कर बच्चे के लिए सहयोग किया जा सकता है।

      राज्य के नवनिर्वाचित परिवहन एवं आदिवासी कल्याण मंत्री चंपई सोरेन के विधानसभा सीट सरायकेला के आदित्यपुर का है पीड़ित परिवार। अस्पताल भी सरायकेला- खरसावां जिला में है।

      इस बार चंपई सोरेन को आदित्यपुर क्षेत्र से पूर्व की तुलना में ज्यादा मत मिले हैं। वहीं पड़ोसी जिला जमशेदपुर पश्चिम के विधायक  बन्ना गुप्ता है, जो राज्य के स्वास्थ्य मंत्री हैं और उन्होंने इलाज के अभाव में किसी को भी मरने नहीं देने की बात कही है।

      उसपर जिस मामले में उनके द्वारा संज्ञान लिया गया, उस मामले में सिविल सर्जन या सरकारी पदाधिकारी लापरवाही बरत रहे हैं। ऐसे में जिम्मेदार कौन होगा ?

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