बिहारशरीफ/न्यूज डेस्क। उत्क्रमितमध्य विद्यालय जलालपुर चंडी के मध्याह्न भोजन में मेंढक पाए जाने के मामले में विद्यालय के प्रभारी प्रधानाध्यापक को निलंबित कर दिया गया है। साथ ही जिला शिक्षा पदाधिकारी को 10 दिनों के अंदर रसोइया को हटाने का निर्देश दिया गया है।
उनके ज्वाइंट रिपोर्ट में प्रथम दृष्टया इस मामले में एनजीओ द्वारा आपूर्ति भोजन में मरा मेंढक खाना बनाने पर गिरने की आशंका से इनकार किया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि भोजन वायलर में तैयार होता है और केन में पैक कर गर्म स्थिति में ही विद्यालय को दिया जाता है। इस स्थिति में मेंढक रहने पर उसका सभी अंग भोजन में मिल जाएगा।
उन्होंने बयान का हवाला देते हुए कहा है कि प्रधानाध्यापक, शिक्षक और रसोईया के बयान से स्पष्ट होता है कि खाने में मृत मेंढक विद्यालय परिसर में ही गिरा है और इसके लिए प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप से प्रधानाध्यापक जिम्मेवार हैं। रिपोर्ट के अनुसार प्रधानाध्यापक, रसोईया और बिना सूचना के गायब दो शिक्षकों को दोषी पाया गया है। जांच दल ने कहा है कि यह गंभीर और विद्यालय के बच्चों के जीवन का प्रश्न है।
खानाआपूर्ति करने वाली एनजीओ की भूमिका को भी संदेहास्पद मानते हुए जांच के लिए तीन सदस्यीय टीम गठित की गई है। पूर्व में भी चंडी प्रखंड में इस तरह की घटना को देखते हुए यह संदेह जताया जा रहा है। जांच दल को एनजीओ द्वारा भोजन बनाने के स्थल की जांच, भोजन बनाने की प्रक्रिया की जांच कर तीन दिनों के अंदर ज्वाइंट रिपोर्ट देने का निर्देश दिया गया है ताकि एनजीओ की भूमिका स्पष्ट हो सके। जांच दल में एसडीओ हिलसा, भूमि सुधार उप समाहर्ता हिलसा और वरीय उप समाहर्ता राम बाबू को शामिल किया गया है।