नालंदा (राजनामा डेस्क)। नालंदा जिले में बेन थाना क्षेत्र के बारा गांव के उत्तर जाने वाली सड़क के किनारे एक 35 वर्षीय बिवाहित महिला की शव मिला है। इसके पूर्व हरनौत थाना क्षेत्र के चेरन रेल क्रॉसिंग के पास आधी रात को अपने घर में सो रहे सहदेव प्रसाद की गोली मारकर हत्या कर फरार हो गए। हिलसा अनुमंडल में एक व्यक्ति की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। नूरसराय के ककडिया मोड़ के पास डबल मर्डर ने क्षेत्र में सनसनी फैला रखी है। मानपुर थाना क्षेत्र में एक युवक की गोली मारकर हत्या कर दी थी। सारे में एक युवती की हत्या कर उसके शव को कुंए में फेंक दिया गया।
बीते सात दिन में सात हुई सात हत्याएं। दूसरी तरफ यहां लूट, छिनतई, चोरी, डैकेती, छेड़खानी, बलात्कार आदि जैसी घटनाएं आम बात हो गई है। कब कौन कहां किसको लूट-पिट लेगा, कुछ कहा नहीं जा सकता।
फिर भी जिले का पुलिस कप्तान कुमार आशीष अपने एक वर्ष के योगदान का जश्न मना रहे हैं। शायद उनकी नजर में सब कुछ ऑल इज वेल है।
यह वही कुमार आशीष हैं, जिनको आईपीएस विवेकानंद सरीखे एसपी को अचानक हटा कर नालंदा में पदास्थापित किया गया था। विवेकानंद एक नाबालिग के साथ रेप के मामले में वरिष्ठ राजद विधायक एवं पूर्व मंत्री राजबल्लभ यादव के पिछे पड़े थे।
यही बात सुशासन का दंभ भरने वाली सरकार को नागवार लगा और विवेकानंद को हटा दिया गया। मीडिया ने कुमार आशीष को सिंघम के रुप में प्रचारित रखा है, जबकि यह एक कड़वा सत्य है कि नालंदा में अपराध चरम सीमा पर है।