हमारे चीफ रिपोर्टर जयप्रकाश नवीन की त्वरित विश्लेषण
बिहार के नालंदा जिला के राजगीर में ऐतिहासिक मलमास मेला की जमीन पर अवैध अतिक्रमण हटाने की मांग को लेकर राजगीर बंद ने अपना रंग दिखा ही दिया । जिस मलमास मेले की करोड़ों की बेशकीमती जमीन पर कब्जा करने वाले कथित भूमाफियों पर नकेल कसने के लिए प्रशासन को आखिरकार बाध्य होना पड़ा है ।
गौरतलब रहे कि वर्षों से मलमास मेले की जमीन पर अतिक्रमण कर राजगीर के कथित पत्रकार शिवनंदन प्रसाद जो राजगीर गेस्ट हाउस के नाम से होटल चला रहे हैं ।अब नगर पंचायत राजगीर ने उनसे कारण पृच्छा किया है।राजगीर नगर पंचायत कार्यालय ने अपने ज्ञांपाक 1649/2/6/2017 के तहत कथित पत्रकार शिवनंदन प्रसाद को पत्र लिखकर कहा है कि ज्ञापाक संख्या 1603 दिनांक 8/5/2017 को अवैध तरीके से जारी कार्य बंद करने का निर्देश दिया था । लेकिन नगर पंचायत की जानकारी में आया कि नोटिस जारी होने के बाद भी उनके द्वारा कार्य जारी रखा गया ।
नगर पंचायत कार्यालय राजगीर ने आदेश दिया है कि सभी दस्तावेजों के साथ 6 जून को कार्यालय में उपस्थित होकर अपना पक्ष रखें। अन्यथा बिल्डिग बाई लाॅज की धारा 313,315 एवं नगरपालिका अधिनियम 2007 की उपधारा 324 के आलोक में आपके द्वारा सरकारी आदेश की अवहेलना करने एवं नगर प्रशासन द्वारा निर्गत आदेश का पालन नही करने नियम विरूद अवैध निर्माण करने के आरोप में निर्माण को ध्वस्त करने तथा दस लाख रूपये का जुर्माना ठोकने की बात कही है।
नगर पंचायत कार्यालय राजगीर ने सीओ राजगीर, एसडीएम राजगीर, डीएम नालंदा तथा प्रमंडलीय सचिव ने आदेश की काॅपी भेज दी है।
उल्लेखनीय रहे कि मलमास मेले की जमीन पर अवैध कब्जा करने की खबर प्रकाशित करने पर बेब पोर्टल राजनामा डाॅट काॅम के संपादक मुकेश भारतीय और राजगीर के वरिष्ठ और सम्मानित पत्रकार पर केस दर्ज कराया गया था ।
अब नगर पंचायत द्वारा निर्गत नोटिस ने साबित कर दिया है कि राजनामा की खबर बिल्कुल सही और तथ्यों पर आधारित थी और कथित पत्रकार शिवनंदन का मुकदमा फर्जी ।
नगर पंचायत कार्यालय द्वारा उठाए गए कदम से राजगीर की जनता में हर्ष देखा जा रहा है।मलमास मेले की जमीन पर अतिक्रमण हटाने के लिए राजगीर की जनता वर्षों से जद्दोजहद कर रहीं थी । लेकिन आज जाकर उनकी जीत हुई है।