नालंदा ( राम विलास )। आक्रोश दिखाओ और शिक्षा बचाओ आंदोलन की उद्घोष के साथ राष्ट्रीय लोक समता पार्टी का तीन दिवसीय प्रशिक्षण शिविर राजगीर में शनिवार को संपन्न हो गया। शिविर में पार्टी सुप्रीमो उपेंद्र कुशवाहा को आगामी विधानसभा में मुख्यमंत्री बनाने का संकल्प लिया गया ।
राजगीर की वादियों में आयोजित इस शिविर में समापन भाषण करते हुए रालोसपा प्रमुख एवं केंद्रीय शिक्षा राज्यमंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा अच्छे आचरण और व्यवहार से अपनी और पार्टी का पहचान बनाए । जिन लोगों ने शिविर संचालन में सहयोग किया है । उनके प्रति आभार व्यक्त करते हुए कुशवाहा ने कहा कि 15 अक्टूबर को गांधी मैदान में आयोजित महासम्मेलन की व्यवस्था में उनसे भरपूर सहयोग की अपेक्षा है । शिविर में आए हुए नेताओं और कार्यकर्ताओं को गमछी देकर विदा किया गया।
इस अवसर पर केंद्रीय शिक्षा राज्यमंत्री ने कहा बिहार में शिक्षा की दुर्दशा हो रही है। शिक्षा में व्यापक सुधार और गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा के लिए रालोसपा आंदोलन चलाएगी । आंदोलन का आगाज 25 जून को होगा। आंदोलन के पहले चरण में प्रखंड स्तर पर नुक्कड़ सभा का आयोजन किया जाएगा। दूसरे चरण यानि 28 जून को जिला मुख्यालय में रोषपूर्ण प्रदर्शन किया जाएगा। उस दिन जिला पदाधिकारियों को मांग पत्र सौंपा जाएगा। पटना में एक शिष्टमंडल राज्यपाल से मिलकर ज्ञापन और ब्लू प्रिंट सौपेगा। आन्दोलन के पहले चरण का समापन 15 अक्तूबर को पटना के गांधी मैदान में होगा। उस दिन आक्रोश दिखाओ शिक्षा बचाओ महा सम्मेलन का आयोजन किया जायेगा। उसी दिन द्वितीय चरण के आन्दोलन की घोषणा होगी। उन्होंने कहा शिक्षा में सुधार के लिए वे केवल आंदोलन ही नहीं चलाएंगे । बल्कि ब्लू प्रिंट भी तैयार करेंगे और जारी करेंगे । सरकार को शिक्षा में सुधार और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए सुझाव भी देंगे।
केंद्रीय शिक्षा राज्यमंत्री ने कहा कि बिहार में बिगड़ी हुई शिक्षा व्यवस्था का परिणाम इंटरमीडिएट परीक्षा फल है। शिक्षा में आई गिरावट के कारण स्कूल और कॉलेजों में पढ़ाई नहीं हो रही है। स्कूल- कालेजो मे विषय के शिक्षक नहीं है। कही प्रयोगशाला नहीं है। यहां शिक्षण संस्थानों में तो शिक्षा ही नहीं हो रही है तो गुणबता पूर्ण शिक्षा की चर्चा ही बेमानी लगती है ।
उन्होंने कहा कि स्कूलों में यदि मिड डे मिल बंद कर दिया जाए तो बिहार के शिक्षण संस्थाएं छात्र विहीन हो जाएंगे । स्कूल कॉलेजों में केवल प्रयोगशाला ही नहीं बल्कि उपस्कर तक नहीं है।
बिहार के शिक्षकों की हालात की चर्चा करते हुए कहा कि यहां ऐसे भी शिक्षक बहाल हैं जो अपना नाम और पता लिखना तक नहीं जानते । उनसे शिक्षा और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की क्या उम्मीद की जा सकती है। उन्होंने कहा शिक्षा में सुधार के लिए अमूल चूल परिवर्तन की आवश्यकता है । इसके लिए सबसे पहले शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया में बदलाव लानी होगी । डिग्री लाओ नौकरी पाओ सिस्टम को समाप्त करना होगा। इफेक्टिव और निष्पक्ष सिस्टम बनाना होगा । फर्जी डिग्री वाले शिक्षकों को हटाने की जगह उन्हें गैर शैक्षणिक कार्य में लगाया जाना चाहिए। ।
उपेंद्र कुशवाहा ने अनुबंध आधारित नियुक्ति को बंद कर रेगुलर बहाली करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि खगड़िया के जवाहर नवोदय विद्यालय को अब तक अपना भवन नहीं बन सका है। उसका कारण है कि सरकार ने जमीन मुहैया नहीं कराई है । इसी तरह लखीसराय का केंद्रीय विद्यालय छोटी जगह में चल रहा है । उन्होंने कहा कि यदि सरकार जमीन मुहैया कराती है तो और नवोदय और सेंट्रल स्कूल खोलने के लिए तैयार हैं ।
राष्ट्रीय लोक समता के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि 1974 से भी बड़ा आंदोलन चलाने के लिए जरूरत बिहार में है। उस समय से भी अधिक गंभीर गंभीर हालत यहाँ है। गुणवत्तापूर्ण शिक्षा ही समाज के नव निर्माण का सेतू है।
कुशवाहा ने कहा शिविर में छप्पन प्रकार के भोजन की उत्तम व्यवस्था थी। शिविर के आयोजन में सहयोग करने वालों को राष्ट्रीय अध्यक्ष ने धन्यवाद दिया। चावल, दाल, सब्जी, चूड़ा, गुड़ , चीकेन, आम से लेकर तरह-तरह के मिठाई की व्यवस्था करने वालों को अलग-अलग नाम लेकर धन्यवाद दिया।
इस अवसर पर रालोसपा के प्रदेश अध्यक्ष भूदेव चौधरी, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं प्रवक्ता दसई चौधरी ,सांसद रामकुमार शर्मा , राष्ट्रीय महासचिव रामकिशोर सिंह, शंकर झा आजाद , सुधांशु शेखर, राजेश यादव , उर्मिला पटेल , प्रवीण सेन गुप्ता , ओमप्रकाश , जहांगीर खान, मालती कुशवाहा , सीमा सक्सेना समेत अन्य ने विचार व्यक्त किया । शिविर का समापन नव राष्ट्रगान से हुआ।