एक्सपर्ट मीडिया न्यूज। भारतीय रेलवे के अफसरों ने खुद की व्यवस्था को किस कदर मजाक बना दिया है, अगर उसे देखना हो तो बिहारशरीफ-दनियावां रेल खंड पर अवस्थित रामपुर हाल्ट को देखिये। यहां आती-जाती सभी ट्रेनें रुकती जरुर है, लेकिन यहां रेलवे की ओर से कोई व्यवस्था नहीं है। सब कुछ राम भरोसे है।
कहने को तो यहां रामपुर हॉल्ट का बोर्ड लगा है, लेकिन कहते हैं कि रेल अफसरों की यह सब मौखिक आदेश से है। यह हॉल्ट रेलवे द्वारा अधिकृत नहीं है। इस अवैध हॉल्ट के चारों ओर घनी और बड़ी आबादी है।
रेलवे के अधिकारी इस हॉल्ट के स्थान को महज रेलवे क्रॉसिंग बताते हैं। लेकिन स्थिति ठीक उलट दिखती है। यदि यहां सिर्फ क्रॉसिंग होती तो फिर सारी ट्रेनें रुकती कैसे है और यात्री लोग यहां भारी तादात में चढ़ते-उतरते कैसे ?
हालांकि ग्रामीणों द्वारा यहां विधिवत हाल्ट की मांग रेल सेवा आरंभ होने के पहले से ही होती रही। उन्होंने स्थानीय विधायक, सांसद, रेलवे मंत्री, प्रधानमंत्री तक गुहार लगाई। लेकिन कहीं से कोई सकारात्मक कार्रवाई नहीं हुई।
अब सबाल उठता है कि जब सभी ट्रेनों का ठहराव होता है। यहां भारी तादात में यात्रियों का आवागमन होता है। फिर रेलवे द्वारा रामपुर हॉल्ट को अवैध बनाये रखने का क्या औचित्य है?
आसपास की बड़ी आबादी के मद्देनजर रेलवे विभाग को इसे वैध करने में क्या परेशानी है? इस सबाल का जबाव भी रेलवे के किसी अधिकारी के पास नहीं है।
यदि इसे वैध घोषित कर टिकट घर आदि की व्यवस्था हो जाती तो रेलवे को आय भी होती और लोग बेटिकट यात्रा कर पचड़े में भी नहीं फंसते।