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    Friday, April 19, 2024
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      अब 280 रुपए प्रति दिन होगी मनरेगा मजदूरी

      मजदूरी दर में बढ़ोतरी के लिए राज्य सरकार एक बार पहले भी अनुरोध कर चुकी है। जवाब नहीं मिलने पर हेमंत सरकार ने दोबारा अनुरोध किया है…”

      एक्सपर्ट मीडिया न्यूज डेस्क।  झारखंड में मनरेगा मजदूरों को वर्तमान में एक दिन की मजदूरी का भुगतान 171 रुपये अकुशल मजदूरों को किया जाता है। जबकि राज्य सरकार इसे बढ़ाकर 280 रुपया करने पर विचार कर रही है।

      मनरेगा योजना के तहत न्यूनतम मजदूरी दर का निर्धारण केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय करती है। राज्य में मनरेगा मजदूरों की न्यूनतम पारिश्रमिक में बढ़ोतरी को लेकर संसदीय कार्य मंत्री ने भी आश्वस्त किया है।

      पारिश्रमिक कम होने की वजह से यहां के मजदूर दूसरे राज्यों में पलायन करने को मजबूर हो जाते हैं। प्रतिदिन सैंकड़ों मजदूर मनरेगा योजना में काम करने से बेहतर दिहाड़ी मजदूरी करना पसंद करते हैं। आंकड़ों के हिसाब से राज्य में 24 लाख एक्टिव मनरेगा मजदूर हैं।

      सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के मुताबिक, मनरेगा मजदूरी का भुगतान राज्य की न्यूनतम मजदूरी से कम नहीं होना चाहिए। श्रम नियोजन एवं प्रशिक्षण विभाग से राज्य के मजदूरों की न्यूनतम मजदूरी तय की जाती है।

      फिलहाल 24 अक्टूबर 2019 से राज्य में अकुशल मजदूरों को 274।81 रुपये, अर्धकुशल को 287।90 रुपये और कुशल श्रमिकों को न्यूनतम 379।51रुपये का भगतान किया जाता है।

      मनरेगा योजना के अंतर्गत मजदूरों को न्यूनतम 90 दिनों के रोजगार की गारंटी दी जाती है, लेकिन राज्य में मनरेगा की न्यूनतम मजदूरी दर के कारण लोग मनरेगा योजना में काम नहीं करना चाहते हैं।

      वर्ष 2019-20 के लिए झारखंड में मनरेगा मजदूरी में सिर्फ 3 रुपये की ही बढ़त हुई है। देशभर के मनरेगा के आंकड़ों के मुताबिक, सालाना दस रुपया दैनिक भत्ता बढ़ता है।

      लेकिन झारखंड में पिछले साल के आंकड़े को देखें तो 2016-2017, 2017-2018, 2018-2019 में औसतन एक रुपया ही भत्ता बढ़ा था।

      झारखंड के लिए साल 2017-2018 के लिए सिर्फ 1 पैसे की बढ़ोतरी की गयी थी। बिहार के मनरेगा मजदूरों की स्थिति भी झारखंड के जैसी ही है। वहीं पिछले चार सालों में बिहार में मनरेगा मजदूरों की दैनिक भत्ते में सिर्फ 16 पैसे की बढ़ोतरी हुई है।

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