एक्सपर्ट मीडिया न्यूज नेटवर्क। इन दिनों नालंदा जिले का राजगीर थाना पुलिस अकबर ए शाही मां बदौलत चल रही है। फर्जी मनगढ़ंत बेसिर पैर के एफआईआर दर्ज करने में माहिर यहां के थानेदार संतोष कुशवाहा सत्यपरक वारदातों पर त्वरित कार्रवाई तो दूर उसकी कंप्लेन भी सुसमय दर्ज करने में नाकाबिल साबित है।
कतरीसराय के तारा बिगहा गांव निवासी राजन सिन्हा राजगीर थाना के नोनही रोड अवस्थित बोधित्ब पब्लिक स्कूल के संचालक हैं। वहां से उनके पिता इन्द्रदेव प्रसाद ने फोन पर उन्हें बताया कि कुछ लोग स्कूल में इंतजार कर रहे हैं।
सूचना मिलते ही जब राजन सिन्हा बीते कल 20 अक्टूबर की दोपहर करीब 12 बजे स्कूल पहुंचे तो वहां पहले से मौजूद इस्लामपुर थाना के बडीह गांव निवासी जगदीश प्रसाद के पुत्र देवेन्द्र प्रसाद, दीपनगर थाना के मेघी गांव निवासी बिन्दे प्रसाद के पुत्र पूर्व मुखिया प्रदीप कुमार, बेन थाना खैरा गांव निवासी स्व द्वारिका प्रसाद के पुत्र सत्येन्द्र प्रसाद एवं एक अज्ञात व्यक्ति अचानक गाली-गलौज, धौंस-धमकी करते हुए मार-पीट शुरु कर दिया।
जब उसके परिजन उसे बचाने आए तो उसके साथ भी धक्का-मुक्की करते हुए 5 हजार रुपए छीन लिए और जाते-जाते 20 लाख रुपए की रंगदारी नहीं देने पर जान मारने की धमकी देते हुए चले गए।
इस वारदात के तुरंत बाद यानि कल 20 अक्टूबर ही दोपहर पीड़ित राजन सिन्हा अपने परिजनों का ईलाज करा राजगीर थाना लिखित शिकायत दी, लेकिन वहां उनके आवेदन पर प्राथमिकी दर्ज कर कोई फौरिक जांच-कार्रवाई करना तो दूर एक पावती प्रति भी नहीं दी गई और आज 21 अक्टूबर की सुबह 10 बजे थाना आने को कहा गया।
इसके बाद जब पीड़ित सुबह दस बजे थाना पहुंचा तो उसे दोपहर एक बजे आने को कहा गया। समाचार लेखन तक राजगीर थानेदार इस वारदात को लेकर कोई न तो कोई जांच-कार्रवाई की है और न ही प्राथमिकी दर्ज कर बदमाशों के खिलाफ कार्रवाई ही की गई है।
जबकि इस वारदात की एक वीडियो वायरल हो चुकी है, जो सच चीख-चीख कर कह रहा है। लेकिन राजगीर पुलिस के कानों में झूठ-फरेब के आलावे कुछ गूंजता कहां है!
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