नालंदा (संवाददाता)। जिले के राजगीर नगर पंचायत प्रशासन की क्या औकात है, इसकी व्यापक पुष्टि इस बात से होती है कि उसके कड़े आदेश को भी मलमास मेले की सैरात भूमि के एक अदद अतिक्रमणकारी ठेंगा दिखा जाता है और वह लाचार बना रहता है।
हालांकि राजगीर नगर पंचायत प्रशासन के कार्यपालक दण्डाधिकारी की ऐसी लाचारी के पीछे क्या रहस्य छुपे हैं, यह एक अलग जांच-पड़ताल की विषय है।
बहरहाल, राजगीर नगर पंचायत कार्यालय ज्ञापांक-1603, दिनांकः 08.05.2017 को कार्यपालक पदाधिकारी के हस्ताक्षर से राजगीर के मखदुम कुण्ड रोड स्थित राजगीर गेस्ट हाउस होटल के संचालक-मालिक शिवनंदन प्रसाद को यह नोटिश दिया गया था कि वह राजगीर नगर पंचायत से बिना नक्शा पारित कराये अवैध भवन का निर्माण किया जा रहा है, नगरपालिका अधिनियम 2007 की धारा 324 का घोर उल्लंघन है।
अतः आदेश दिया जाता है कि अपना निर्माण कार्य तत्काल बंद करते हुये भवन से एवं भूमि से संबंधित सभी दस्तावेज के साथ पत्र प्राप्ति के 24 घंटे के अंदर अधोहस्ताक्षरी के समक्ष अपना पक्ष रखें। अन्यथा की स्थिति में नगरपालिका अधिनियम 2007 की धारा के उल्लंघन के आरोप में दण्डात्मक कार्रवाई की जायेगी।
इधर कार्यालीय सूत्रों के अनुसार शिवनंदन प्रसाद ने अपने अवैध जमीन व अवैध निर्माण को लेकर नोटिश के एक सप्ताह बाद भी न तो भवन-भूमि-निर्माण से जुड़े कोई कागजात प्रस्तुत किये हैं और न ही आदेशकर्ता कार्यपालक पदाधिकारी ने कोई कार्रवाई ही की है। उधर तमाम आदेशों-निर्देशों को ठेंगा दिखाते हुये अतिक्रमित भूमि पर निर्मित राजगीर गेस्ट हाउस का विस्तार निर्माण कार्य धड़ल्ले से जारी है, जोकि रात अंधेरे परवान पर होता है।
इस संदर्भ में राजगीर नगर पंचायत के कार्यालय पदाधिकारी से दर्जनों बार संपर्क स्थापित करने की कोशिश की गई लेकिन उनके उपलब्ध दोनों मोबाईल पर सर्फ घंटियां ही बजती रही।