“सरकारी योजनाओं से महरूम बिरहोरों की आवाज़ सुनने वाला न कोई पंचायत प्रतिनिधि है और न ही कोई प्रशासनिक अधिकारी। सभी लोग एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप कर पल्ला झाड़ लेते हैं।”
सरिया (आसिफ अंसारी)। गिरीडीह जिले के सरिया प्रखंड के चिचाकी पंचायत अंतर्गत पिपराडीह गाँव स्थित है। जहां आदिम जनजाति (विरहोर)के 28 परिवार रहते हैं। जहां विकाश के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की जा रही है। सरकारी योजना के तहत विलुप्त प्रायः विरहोर जाती के सम्पूर्ण विकास के रास्ते खोले गए हैं। परंतु जमीनी हकीकत कुछ और बयां करती है।
जटू बिरहोर ने बताया कि खाद्य आपूर्ति योजना के तहत 28 में 20 परिवार इसका लाभ लेने से वंचित हैं। अब तक इन्हें राशन कार्ड मुहैया नहीं कराई गई है। जबकि 8 परिवार को राशन कार्ड तो मिला परंतु अनाज नही मिल रहा है। जिससे लोगों के बीच भुखमरी की समस्या उत्पन्न हो गई है।
बताते चलें कि तीन मूलभूत आवश्यकताओं (रोटी, कपड़ा और मकान) में से इन अंतिम पंक्ति लोगों के बीच अभाव ही झलक रहा है। एक तो राशन की आपूर्ति बंद है। वहीं सरकार द्वारा आवंटित मकान की महज खानापूर्ति की गई है।मकान में अब तक प्लास्टर का काम नहीं किया गया। वहीं दरवाजे खिड़की की गुणवत्ता देख कर लोग हतप्रभ हैं।
भाजपा के वरिष्ठ नेता परमेस्वर मोदी ने कहा कि सरिया में 4 विरहोर टण्डा हैं। सबों की दयनीय स्थिति है। इनके उत्थान हेतु इन्होंने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा था। जहां से जिला प्रशासन को उक्त गाँव के विकास हेतु निर्देश दिए गए थे, परंतु स्थानीय प्रशासन उदासीन बना रहा।
जिला आपूति पदाधिकारी रामचन्द्र पासवान ने कहा कि बिरहोरों के बीच राशन कार्ड उपलब्ध कराना प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी की जवाबदेही है। सरिया में इसका प्रभार स्थानीय प्रखंड विकास पदाधिकारी के पास है।
इस संबंध में पूछे जाने पर प्रभारी प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी शशि भूषण वर्मा ने दूरभाष पर बताया कि विरहोर टण्डा के लोगों का आधार कार्ड नहीं बना था, जिससे राशन कार्ड उपलब्ध नहीं कराया जा सका। जिसकी सूचना जिला आपूर्ति पदाधिकारी को पूर्व में ही दे दी गई थी। दो चार दिनों में इनकी समस्या का समाधान कर दिया जाएगा।