“जहां एक और कोरोना वायरस महामारी का बड़ा रूप लेकर पूरे भारत में अपने खून से सने हाथ फैला रहा है वही खतरे को भापते हुए झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पूरे झारखंड को लौक डाउन करने का आदेश पारित कर दिया है…”
एक्सपर्ट मीडिया न्यूज नेटवर्क। इसके तहत सरायकेला जिला भी पूरी तरह से लॉक डाउन की जा चुकी लेकिन एक ओर जहां दिन में उपायुक्त ने जिले में धारा 144 लागू करने का आदेश दिया वहीं दूसरी ओर जिले के सबसे घनी आबादी वाले क्षेत्र गम्हरिया और आदित्यपुर में शाम होते ही इसका कोई असर नहीं दिखा।
जहां रोज की तरह ही शाम होते ही बाजार सजने लगे और दुकानें खुली रही. 144 लागू होने के बाद भी चौक चौराहों पर लोगों का जमावड़ा देखा जाने लगा इतनी बड़ी आपदा के बाद भी लोग इस खतरे को बिल्कुल गंभीरता से नहीं ले रहे थे, लेकिन जैसे ही जानकारी जिला प्रशासन को हुई तो जिले से करीब 24 किलोमीटर दूर स्थित अनुमंडल दंडाधिकारी बशारत कय्यूम खुद मौके पर पहुंचकर यातायात का जायजा लेने लगे।
उन्होंने पाया कि यातायात बिल्कुल आम दिनों की तरह ही चल रहा था। अनुमंडल दंडाधिकारी सरायकेला के गम्हरिया पहुंचने की खबर सुनते ही बाकी के पदाधिकारी भी पीछे–पीछे दौड़े चले आए और अपनी सतर्कता और जागरूकता मौके पर दिखाने लगे, लेकिन गंभीरता को भांपते हुए पहली बार जिले के अनुमंडल दंडाधिकारी काफी नाराज दिखे और कड़ाई से लोगों को नियम पालन करने को कहा।
जहां किसी भी गाड़ी जैसे साधारण निजी वाहन और ऑटो का परिचालन जो कि अनावश्यक था, तुरंत मौके से वापस भिजवाया एवं अनावश्यक दुकान जो की धारा 144 का उल्लंघन करके खोली गई थी, कड़ाई से बंद करने का आदेश दिया।
वहीं यह सिलसिला देर रात तक जारी रहा और जिले के चप्पे चप्पे तक वे खुद पहुंचे और सख्ती दिखाई। वहीं मीडिया को संबोधित करते हुए बताया कि आज 144 धारा का पहला दिन है। अगर लोग स्वत: इसमें सहयोग नहीं करेंगे तो कड़ाई से इसे लागू किया जाएगा एवं उल्लंघन करने वालों पर दंडात्मक कार्रवाई भी की जाएगी।
अनुमंडल दंडाधिकारी ने यह भी अपील की इस गंभीर परस्थिति में जनता को स्वतः जागरूक रहने की आवश्यकता है एवं वे चाहेंगे कि उनका समर्थन भी 31 मार्च तक प्रशासन को मिले।