“यहां सरकार के द्वारा पान अनुसंधान केंद्र की स्थापना किया गया है। लेकिन यह केंद्र सिर्फ़ दिखावा के लिए है। किसानों को इसका कभी कोई लाभ नहीं मिलता है…”
एक्सपर्ट मीडिया न्यूज। नालंदा जिले के इसलामपुर प्रखंड एवं उसके आसपास के इलाकों में बेमौसम वारिश से एक तरफ दलहन तेलहन व गेंहू के साथ पान फसल नुकसान हो रहा है। वही दुसरी ओर नष्ट फसलों को देख किसान बेहाल हो रहे है।
पान किसान अमीत चौरसिया, श्रवण चौरसिया, लझमीचंद चौरसिया आदि ने कहा कि पहले ठंड के मौसम मे ठंड की प्रकोप से मगही पान की फ़सल नुकसान हो गया था और अब रही-सही कसर बेमौसम वारिश पूरी कर दी है।
प्राकृतिक दंश झेल रहे कई पान किसान अपने पुस्तैनी धंधा को छोडकर रोजी रोटी के लिए बाहर पलायन कर गये। शेष लोग बेहाल हो रहे है। जबकि इस प्रखंड के डौरा, बौरीसराय, वौरीडीह, इमादपुर ,अर्जुन सेरथुआ सहित लगभग एक दर्जन गांवों के आठ से दस हजार लोग पान की खेती करते है। लेकिन वेमौशम बारिश ने पान किसानों के होश उड़ा दिया है।
मुंह का निवाला छीनता देख किसानों को महाजन का कर्ज, बेटी की शादी, बच्चो की पढाई, परिवार का भरण पोषण की चिंता सता रहा है। यहां का पान इस जिला के अलावे दुसरे राज्यो मे प्रसिद्ध है और बनारस में उंचे दामो पर बिकता है।
लेकिन वारिश ने पान किसानों के साथ साथ सरसो, मसुर, गेंहू की फसलों को उपजाने वाले किसानों को भी हाल से वेहाल कर रख दिया है। किसानों ने राज्य सरकार से उचित मुआवजा देने का मांग किया है, ताकि किसानो को राहत मिल सके।