Home देश बाहुबलियों की जंग में कौन होगा मुंगेर का ‘सरकार ‘

बाहुबलियों की जंग में कौन होगा मुंगेर का ‘सरकार ‘

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“क्या वह बाहुबली अनंत सिंह और नीतीश कुमार के सेनापति ललन सिंह के सामने टिक पाएँगी ? कभी सरकार का रूख तय करने वाले अनंत सिंह क्या सच में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लडेगे…..?

पटना (जयप्रकाश नवीन)। बदले -बदले से ‘सरकार’ नजर आते हैं। मोकामा से निर्दलीय विधायक अनंत सिंह के बारे में यही कहा जा सकता है। लोकसभा चुनाव लड़ने की महत्वाकांक्षा ने छोटे ‘सरकार’ मोकामा से रोड शो कर मुंगेर पहुँच चुके हैं।

छोटे सरकार की सल्तनत में किसी और के हुकूमत के आसार दिखते हैं क्या? विधायक अनंत सिंह रोड शो के जरिए अपने कद और वजूद का अहसास करा रहे हैं ।वही परिवार वाद की चाशनी में डूबे सूरजमान सिंह की पत्नी का अगला कदम क्या होगा ?anant singh 2 1

लोकसभा चुनाव आते ही राज्य में राजनीतिक सरगर्मी बढ़ गई है।इस बार बदले हुए राजनीतिक गठबंधन से कई जीते हुए उम्मीदवार का पता साफ होने की स्थिति आ गई है। 2014 का लोकसभा चुनाव अकेले लड़ने वाली जदयू फिर से बीजेपी के साथ गठबंधन में है।

ऐसे में चुनाव मैदान में मोकामा से निर्दलीय विधायक अनंत सिंह के चुनाव मैदान में ताल ठोक देने से मुगेर में मुकाबला दिलचस्प होने के आसार है।

मुंगेर से फिलहाल लोजपा के वीणा देवी सांसद है। लेकिन बदले सियासी समीकरण के बीच मुंगेर लोकसभा सीट पर जदयू ने अपनी दावेदारी ठोक दी है। जदयू यहां से अपने छत्रप राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह को मैदान में उतारने जा रही है।

वही मोकामा से निर्दलीय विधायक अनंत सिंह भी कभी अपने दोस्त रहे ललन सिंह को चुनौती देने के लिए ताल ठोक दी है। अनंत सिंह कांग्रेस से लोकसभा चुनाव लड़ना चाह रहे हैं।

जिसको लेकर उन्होंने मोकामा से मुंगेर तक रोड  शो कर अपने विरोधियों को परेशान कर दिया। लेकिन अभी तक कांग्रेस या फिर महागठबंधन से अनंत सिंह को हरी झंडी नहीं मिली है।

उधर लोजपा सांसद वीणा देवी लोजपा सीट पर अपनी दावेदारी छोड़ने के पक्ष में नहीं दिख रही है। बिहार की राजनीति में छोटे सरकार के नाम से प्रचलित अनंत सिंह की छवि एक बाहुबली नेता की है।

अनंत सिंह पहली बार 2005 में मोकामा से विधानसभा चुनाव जीत कर विधानसभा पहुंचे थे। मोकामा क्षेत्र में  इनकी तूती बोलती थी। एक जमाने में अनंत सिंह मुख्यमंत्री नीतीश के खासमकास हुआ करते थे।

क्षेत्र पर उनकी पहुँच और पकड़ कितनी है, ये इस बात से पता चलता है कि 2015 का विधानसभा चुनाव तो अनंत सिंह ने जेल में रहने के बावजूद लगभग बीस हजार से ज्यादा मतों से जीता था।

कहा जाता है कि मोकामा में अनंत सिंह का अपना अलग ही क़ानून चलता है जिसकी वजह से वो इलाके में ‘छोटे सरकार’ के नाम से मशहूर हैं।

कभी छोटे सरकार सीएम नीतीश कुमार और ललन सिंह के खास थें ।ललन सिंह और अनंत सिंह की दोस्ती जगजाहिर थी। लेकिन बाद में अनंत सिंह के जेल जाने के बाद दोनों की दोस्ती में खटास आ गया।

वहीं बाहुबली अनंत सिंह और मुंगेर से सांसद वीणा देवी के पति सूरजभान सिंह के बीच वर्चस्व की लड़ाई जग जाहिर है। अनंत की तरह ही सूरजभान ने भी मोकामा से निर्दलीय विधायक के तौर पर अपने राजनीतिक कैरियर की शुरुआत की थी।

सूरजभान कभी अनंत सिंह के बड़े भाई दिलीप सिंह के शागिर्द हुआ करते थे। मोकामा सीट पर कब्जे के लिए कई बार सूरजभान और अनंत सिंह के समर्थकों में वर्चस्व की लड़ाई होती रही थी।

इस बार मुंगेर सीट पर जेडीयू भी अपना दावा ठोकने के मूड में है। सीएम नीतीश  के करीबी ललन सिंह मुंगेर से लोकसभा चुनाव लड़ना चाहते हैं। सूरजभान की पत्नी वीणा देवी लोजपा की वर्तमान सांसद है और लोजपा अपनी सीट छोड़ना नहीं चाहती। ऐसे में

सीएम नीतीश अपने सेनापति को टिकट दिलाने के लिए मुंगेर सीट पर इतनी आसानी से दावा नहीं छोड़ेंगे।

विधायक अनंत सिंह के महागठबंधन में शामिल होने को लेकर ही संशय बना हुआ है। इससे पहले वें राजद की टिकट पर चुनाव लड़ना चाह रहे थे, लेकिन तेजस्वी की ओर से हरी झंडी नहीं मिलने से बाहुबली अनंत सिंह की नजर अब कांग्रेस पर है।

लेकिन अभी तक कांग्रेस ने भी पते नहीं खोले हैं। अगर अनंत सिंह निर्दलीय मैदान में आएं तो वें एनडीए को नुकसान पहुँचा सकते हैं। ऐसे में सीएम नीतीश कुमार के सेनापति के लिए राह आसान नही दिखती है।

बहरहाल, बाहुबलियों की लड़ाई में मुंगेर की राजनीति काफी दिलचस्प होने वाली है।

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