“चिकसौरा थाना के मुसाढ़ी महादेव स्थान, जमुआर एवं करायपरसुराय थाना के वाहापर, गुलरिया विगहा, मुर्गीयचक सहित अन्य इलाकों में अवैध खनन का खेल खुलेआम चल रहा है।”
हिलसा (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज)। नालंदा जिले के हिलसा अनुमंडल के करायपरसुराय एवं चिकसौरा थाना क्षेत्र में अवैध बालू खनन रोकने के प्रशासनिक दावे हवा हवाई साबित हो रहे हैं। थाना क्षेत्र के पश्चिमी इलाका में बड़े खनन माफिया के इसमें शामिल होने से इसने खूनी रूप अख्तियार कर लिया है।
स्थिति इस कदर बदतर हो चुकी है कि अवैध खनन कारोबारी खनन रोकने जाने वाले ग्रामीणों पर भी हमला करने से नहीं चूक रहे।
लोकाइन नदी में चल रहे अवैध खनन के इस खेल पर प्रभावी कार्रवाई न होने के कारण खनन माफिया के हौसले इतने बुलंद हैं कि आए दिन मारपीट और गोलीबारी की घटनाएं हो रही हैं।
लोकाइन नदी क्षेत्र में बड़े पैमाने पर अवैध खनन का खेल चल रहा है। लोकाइन नदी तेल्हाड़ा से करायपरसुराय के गुलरियाविगहा तक खनन माफिया सक्रिय है। यहां दिन-रात जेसीबी व मजदूरों को लगाकर अवैध खनन किया जा रहा है।
इनमें बड़ी नदी में खनन का जोर सबसे अधिक है। आलम कुछ ऐसा है कि अवैध खनन के कारण नदी में जगह जगह-जगह गहरे गड्ढे हो गए हैं। इससे सम्पर्क मार्गो को भी क्षति पहुंच रही है।
अवैध खनन के इस खेल पर अंकुश लगाने में स्थानीय पुलिस प्रशासन पूरी तरह से विफल साबित होता रहा है।
स्थानीय प्रशासन की विफलता का ही परिणाम है कि स्थानीय सफेदपोशों से लेकर खनन माफिया भी यहां सक्रिय हो गए हैं। खनन माफिया यहां स्थानीय लोगों के नाम पर खनन के पट्टे लेकर इनकी आड़ में जमकर अवैध खनन कर रहे हैं।
वर्चस्व को लेकर होते हैं झगड़ेः खनन क्षेत्र में वर्चस्व को लेकर आए दिन संघर्ष होता रहता है। परंतु इन मामलों को यहीं पर दबा दिया जाता है।
खनन के इस खेल में पुलिस व प्रशासन के कुछ लोगों की मिलीभगत का भी आरोप है। यही कारण है कि पुलिस प्रशासन को रेत बजरी लेकर यहां से निकलने वाले सैकड़ों वाहन नजर नहीं आते हैं।
आला अधिकारियों का दबाव पड़ने पर सप्ताह में एक दो बार दो-चार वाहनों को पकड़कर या सीज कर कर्तव्यों की इतिश्री कर ली जाती है।
लोकाइन नदी के इन घाटों पर सक्रिय हैं बालू माफियाः तेल्हाड़ा जमुआरा, मुसाढ़ी, मुर्गीयाचक, वाहापर, गुलरिया विगहा सहित अन्य घाटो पर खनन माफिया में सक्रिय हैं। जो बड़े पैमाने पर अवैध खनन कर रहे हैं।
इस दौरान बाहरी तथा स्थानीय खनन माफिया के बीच अक्सर टकराव की स्थिति हर वक्त बनी रहती है। इस पर जल्द अंकुश न लगा तो किसी भी दिन बड़ी घटना घटित हो सकती है।
सफेदपोशों का संरक्षण हासिलः इन क्षेत्र में अवैध खनन के कारोबारियो सफेदपोशों का संरक्षण हासिल है। यही वजह है कि इन बड़ी कार्रवाई से स्थानीय प्रशासन हमेशा से बचता रहा है। जो कुछ कार्रवाई हुई भी तो उन्हें बाद में दबा दिया गया या फिर मामूली जुर्माना अदा कर उन्हें छोड़ दिया जाता है।