एक्सपर्ट मीडिया न्यूज। नालंदा जिले का चंडी स्थित मगध महाविद्यालय छात्रों के लिए परेशानी का सबब बनता जा रहा है।छात्रों के बीच यह ‘लूटेरा कॉलेज’ के नाम से जाना जाता है।यहाँ छात्रों का आर्थिक दोहन तेजी से हो रहा है।
अगर छात्रों के पास कॉलेज को देने के लिए पर्याप्त राशि नहीं है तो उनसे मोबाइल गिरवी रखने का निर्देश दिया जा रहा है। कुछ ऐसा ही मामला एक छात्रा के साथ देखने को मिला ।
बताया जाता है कि चंडी मगध महाविद्यालय की एक छात्रा श्रेया कुमारी कॉलेज परित्याग प्रमाण पत्र लाने गई हुई थी। उसने 2015 में इंटर की परीक्षा पास की थी।दूसरी जगह नामांकन के लिए कॉलेज परित्याग प्रमाण पत्र की जरूरत थी।
कॉलेज के कर्मचारी ने सीएलसी के बदले पांच सौ रूपये की मांग की गई। छात्रा के पास महज सौ रूपये ही थे। लेकिन कर्मचारी सौ रूपये लेने के लिए तैयार नहीं हुआ । जबकि छात्रा को सीएलसी की सख्त जरूरत थी।
कर्मचारी ने पैसे की जगह उसका मोबाइल ले लिया और कहा कि पांच सौ दे जाना, तब मोबाइल ले जाना। मरता क्या न करता। छात्रा ने मोबाइल दे देने में ही अपनी भलाई समझी।
अब सवाल यह उठता है कि ऐसे में अगर छात्रों के पास पैसा नही रहे तो उसका भविष्य क्या होगा। जबकि कॉलेज प्रबंधन सारे प्रमाण पत्र के लिए एक मुश्त रकम छात्रों से पहले ही वसूल लेती है।
बता दें कि चंडी स्थित मगध महाविद्यालय के पदेन सचिव हैं बिहार के सुशासन बाबू यानि सीएम नीतिश कुमार के चहेते विधायकों में शुमार हरनौत के हरिनारायण सिंह और इन्हीं के संरक्षण में सारी मनमानी का खेल होता आया है।