एक्सपर्ट मीडिया न्यूज. नालंदा जिले के अंतर्राष्ट्रीय धर्म-पर्यटन नगरी राजगीर स्थित सुप्रसिद्ध गृद्धकूट पर्वत पर विदेशी सैलानियों से ठगी का गोरखधंधा भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के कर्मियों की संलिप्ता साफ तौर पर उभर कर सामने आई है।
कल हमारे एक्सपर्ट मीडिया न्यूज की एक रिपोर्टर टीम ने गृद्धकूट पर्वत के नीचे से उपर तक एक स्टींग ऑपरेशन किया। उस दौरान उभरी तस्वीरों को लेकर स्थानीय प्रशासन से लेकर पुरातत्व विभाग के कर्मियों से बात की गयी।
इस पड़ताल से साफ स्पष्ट है कि नालंदा और बिहार का नाम देश-दुनिया में बदनाम कर लाखों की जबरिया वसूली एवं धर्म के नाम पर ठगी के काले धंधे में पुरातत्व विभाग के लोग ही संलग्न है। इसमें पहले के सहायक संरक्षक की तरह हालिया पदास्थापित विभागीय सहायक संरक्षक की मुख्य भुमिका उभर कर सामने आई है।
राजगीर अनुमंडल पदाधिकारी संजय कुमार ने दो माह पहले शिकायत मिलने पर उसकी जांच कराते हुए सप्रमाण थाने में एफआईआर भी दर्ज कराई थी। उस आलोक में पुलिस ने फौरिक कार्रवाई करते हुए कुल तीन धंधेबाजों को दबोच कर जेल भेज दिया। इसमें एक पुरातत्व विभाग के अस्थाई कर्मी भी शामिल था।
लेकिन, उन धंधेबाजों ने न्यायालय से जमानत पर छुटते ही धर्म के नाम पर पुनः अपनी ठगी का कारोबार शुरु कर दिया। इसकी सूचना मिलने पर अनुमंडल पदाधिकारी ने पुरातत्व विभाग के रहनुमाओं को कार्रवाई हेतु दो टूक कई पत्र लिखे।
राजगीर अनुमंडल पदाधिकारी संजय कुमार के एक हालिया कार्यालय पत्रांक-1127, दिनांक-02.12.2018, विषयगत “गृद्धकूट पर्वत पर देशी-विदेशी पर्यटकों से अनाधिकृत रुप से वसूले जाने पर रोक लगाए जाने के संबंध में।” को श्वेत पत्र माना जा सकता है।
श्री कुमार ने लिखा है कि गृद्धकूट पर्वत पर भगवान बुद्ध की पूजा पाठ के नाम पर देशी-विदेशी पर्यटकों से अवैध राशि लिए जाने की प्राप्त शिकायत के आलोक में राजगीर अंचलाधिकारी एवं कार्यपालक दण्डाधिकारी से जांच प्रतिवेदन एवं उनके द्वारा तैयार किए गए वीडियो क्लीप के आधार पर राजगीर थाना में प्रथमिकी दर्ज कराई गई।
तदोपरांत गृद्धकूट पर्वत से उक्त कार्य में संलिप्त श्री अर्जून मालाकार, श्री प्रदीप कुमार एवं श्री संजय कुमार को पुलिस द्वारा कार्रवाई करते हुए हिरासत में लिए जाने के उपरांत जेल भेजा गया।
विदित हो कि गृद्धकूट पर्वत एक महत्वपूर्ण पुरात्तविक स्थल है तथा इसके स्वरुप में किसी प्रकार के छेड़छाड़ अथवा परिवर्तन करना दण्डनीय है। गृद्धकूट पर्वत, जो कि धार्मिक दृष्टिकोण से अत्यंत पवित्र है। अतएव इसके स्वरुप में किसी प्रकार के परिवर्तन अथवा वहां पर भगवान बुद्ध की मूर्ति रख कर देशी-विदेशी पर्यटकों से अवैध रुप से देशी-विदेशी मुद्रा प्राप्त करना न केवल अनुचित एवं दण्डनीय है, बल्कि पर्टन स्थली के रुप में राजगीर और बिहार राज्य की छवि को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर धूमिल करने वाला है।
अनुमंडल पदाधिकारी ने आगे लिखा है कि उपर्युक्त तीनों व्यक्ति यानि श्री अर्जून मालाकार, श्री प्रदीप कुमार एवं श्री संजय कुमार जमानत पर रिहा होने के बाद पुनः गृद्धकूट पर्वत पर भगवान बुद्ध की पूजा पाठ के नाम पर देशी-विदेशी पर्यटकों से ठगी करने जैसे कार्य में सक्रिय होने के प्रयास कर रहे हैं तथा इनके अतिरिक्त कुछ अन्य व्यक्ति भी इनके साथ शामिल हो सकते हैं।
उन्होंने पुरातत्व विभाग के चिन्हित लोगों के विरुद्ध पुरातत्व संरक्षण अधिनियम में वर्णित प्रावधानों के आलोक में दण्डात्मक कार्रवाई करने का अनुरोध भी किया है।
अनुमंडल पदाधिकारी ने राजगीर सहायक संरक्षण (पुरातत्व) के नाम प्रेषित ‘श्वेत पत्र’ की प्रति नालंदा जिलाधिकारी एवं पटना पुरातत्व संरक्षण अधीक्षक को भी भेजी है।
एक्सपर्ट मीडिया न्यूज ने राजगीर अनुमंडल पदाधिकारी के इसी गोपनीय पत्र के आलोक में कल गृद्धकूट पर्वत का एक स्टींग ऑपरेशन ही नहीं किया, बल्कि धर्म के नाम पर देशी-विदेशी मुद्राओं की ठगी कर जिला-जेवार के साथ समूचे बिहार को बदनाम करने के कुकर्म के खिलाफ विभिन्न स्रोतों से अन्य तत्थ भी जुटाए गए। जिससे साफ स्पष्ट है कि इस घृणित धंधे में पुरातत्व विभाग के लोग खुले तौर पर शामिल हैं।