नई दिल्ली (INR)। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम और उनके बेटे कार्ति के आवास पर सीबीआई की छापामारी के बाद राजद सुप्रीमो लालू यादव के दिल्ली, गुड़गांव समेत 22 ठिकानों पर आयकर विभाग ने छापा मारा है। पीटीआई के मुताबिक मुताबिक 1000 करोड़ की बेनामी लैंड डील मामले में यह छापेमारी की गई है।
इसके साथ राजद नेता और लालू के करीबी प्रेम चंद गुप्ता के ठिकानों पर भी छापे मारे गए हैं। यह छापेमारी ऐसे वक्त हुई है जब हाल ही में बिहार बीजेपी के नेता सुशील कुमार मोदी ने लालू यादव और उनके परिवार पर जमीन घोटाले के आरोप लगाए।
इससे पहले मंगलवार सुबह कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम और उनके बेटे कार्ति के आवास पर सीबीआई ने छापा मारा है।
सूत्रों के मुताबिक आईएनएक्स मीडिया समूह को विदेशी निवेश पर क्लीयरेंस देने के मामले में यह छापेमारी की गई है।
सोमवार को इस मामले में एफआईआर दर्ज की गई थी। चिदंबरम के घर समेत चेन्नई में 14 जगहों पर छापे मारे गए हैं।
सूत्रों के मुताबिक कथित रूप से कार्ति चिदंबरम पर आरोप है कि उनकी कंपनी ने आईएनएक्स मीडिया समूह को विदेशी निवेश के मामले में क्लीयरेंस दिलाने की एवज में 2008 में रिश्वत ली थी।
पी चिदंबरम कांग्रेस के दिग्गज नेताओं में से एक हैं और मनमोहन सिंह सरकार में वित्त मंत्री और गृह मंत्री रह चुके हैं।
उस दौरान आईएनएक्स मीडिया पर पूर्व मीडिया टायकून पीटर मुखर्जी और पत्नी इंद्राणी मुखर्जी का स्वामित्व था जोकि अपनी बेटी शीना बोरा की हत्या के मामले में जेल में हैं।
सीबीआई सूत्रों के मुताबिक वे इस मामले की जांच कर रहे हैं कि कार्ति चिदंबरम की कंपनी को आईएनएक्स मीडिया समूह से 10 लाख रुपये मिले थे। उसके बदले में कार्ति की कंपनी ने आईएनएक्स मीडिया को चार करोड़ रुपये पाने के लिए एफआईपीबी यानी फॉरेन एक्सचेंज प्रमोशन बोर्ड क्लीयरेंस दिलाने में मदद की थी। वास्तव में आईएनएक्स को इसके जरिये चार करोड़ नहीं बल्कि 305 करोड़ रुपये मिले थे।
सीबीआई की छापेमारी पर प्रतिक्रिया देते हुए पी चिदंबरम ने कहा कि इसके माध्यम से सरकार मेरी आवाज दबाने की कोशिश कर रही है। लेकिन इसके बावजूद मैं यह कहना चाहूंगा कि मैं सरकार के खिलाफ लिखता और बोलता रहूंगा।
इस संबंध में कांग्रेस के प्रवक्ता टॉम वडक्कन ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, ”यह लोगों का ध्यान आकर्षित करने के लिए और एक धारणा विकसित करने के लिए किया गया है।”