देहरादून: आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के आरोपी यूपी के आयकर आयुक्त (अपील) श्वेताभ सुमन की मुश्किलें बढ़ गईं। सीबीआइ की विशेष अदालत ने उनके खिलाफ रिश्वत की पेशकश करने का मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए हैं।
यही नहीं, अदालत ने इसे गंभीरता से लेते हुए आरोपी को पूर्व में मिली तीन जमानतों को निरस्त कर हिरासत में ले लिया।
बाद में बचाव पक्ष के प्रार्थना पत्र पर सुनवाई करते हुए आरोपी को एक-एक लाख के निजी मुचलकों पर 20 जुलाई तक जमानत दे दी।
मुजफ्फरनगर में तैनात आयकर आयुक्त सीबीआई के विशेष न्यायाधीश अनुज कुमार संगल की अदालत में पेश हुए। यहां उनके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के तीन मामले विचाराधीन हैं।
आरोपी के पेश होते ही अदालत ने उन्हें पूर्व में मिली जमानत निरस्त कर हिरासत में लेने के आदेश दे दिए।
इस बीच, बचाव पक्ष की अधिवक्ता यशपाल पुंडीर ने अदालत में प्रार्थना पत्र दाखिल कर इसका कारण जानना चाहा।
सीबीआइ के अधिवक्ता सतीश कुमार बताया गया कि आरोपी के हवाले से कुछ लोगों ने न्यायाधीश को रिश्वत की पेशकश की।
श्वेताभ सुमन के खिलाफ चल रहे मुकदमों में उनकी संपत्ति को संबद्ध करने के लिए सीबीआइ ने अदालत में पिछले दिनों याचिका दाखिल की थी।
आरोपी की तरफ से रिश्वत की पेशकश कराए जाने की बात सामने आई। हालांकि, बचाव पक्ष ने अदालत में दलील दी कि आरोपी की तरफ से रिश्वत की कोई पेशकश नहीं की गई।
हो सकता है उन्हें बदनाम करने के किसी ने ऐसा प्रयास किया हो। बचाव पक्ष ने मामले की जांच कराए जाने की अपील भी की।
बचाव पक्ष की अर्जी पर सुनवाई करते हुए अदालत ने आरोपी को 20 जुलाई तक जमानत दे दी। उन्हें एक-एक लाख रुपये के निजी मुचलकों के साथ ही इस अवधि तक दो जमानतियों को अदालत में प्रस्तुत करने को कहा है।
अदालत ने सीबीआइ को आयकर आयुक्त के खिलाफ लोक सेवक को रिश्वत की पेशकश करने, न्यायिक कार्य में बाधा पहुंचाने और भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज करने के आदेश भी दे दिए।
उल्लेखनीय है कि आयकर आयुक्त पर आय से अधिक संपत्ति के तीन और आयकर विभाग की विशेष फाइलों को गायब करने के मामले अदालतों में विचाराधीन हैं