नालंदा (प्रमुख संवाददाता)। जिले के पुलिस कप्तान जहां अपने एक साल पूरा होने का जश्न मना रहे थे, उसी रात सीएम के गृह प्रखंड में हत्यारों का तांडव देखने को मिला। अपराधियों ने सोये अवस्था में एक व्यक्ति की गोली मारकर हत्या कर दी और फरार हो गये। आखिर नालंदा में अपराधियों के हौसले इतने बुलंद क्यों है? क्या वर्दी का खौफ हुआ खत्म हो चुका है? आखिर सीएम के घर में ही हत्याओं का दौर क्यों जारी है?
सुशासन की पोल खोलते कुछ ऐसे ही ज्वलंत और कड़वे सबाल के आगोश में सिमटे नालंदा जिले के हरनौत थाना क्षेत्र के चेरन रेल क्रॉसिंग के पास सोमवार की आधी रात चार अपराधियों ने एक घर की खिड़की से घुसकर सो रहें सहदेव प्रसाद की गोली मारकर हत्या कर फरार हो गए।
मृतक सहदेव प्रसाद पहले गांव में रहते थे। लेकिन इधर रेल क्रॉसिंग के पास अपना नया घर बनाया था। जहां वे खिड़की के पास अपने मौत से बेखबर सोये हुए थे। अपराधियों ने सोये हुए अवस्था में ही मौत की नींद सुला दी। हालांकि अभी तक पुलिस और परिजन उनके हत्या के कारणों का खुलासा नहीं कर पाए हैं।
इस घटना से रेल स्टेशन तथा आसपास के इलाकों में दहशत फैली हुई है। पिछले साल भी चेरन में ही अपराधियों ने एक पत्रकार सह वकील अशोक कुमार की हत्या कर दी थी।
इधर पिछले एक साल से नालंदा में हत्याओं का दौर जारी है। पिछले एक सप्ताह की घटनाओं पर नजर डालें तो हिलसा अनुमंडल में एक व्यक्ति की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। नूरसराय के ककडिया मोड़ के पास डबल मर्डर ने क्षेत्र में सनसनी फैला रखी है। बालू माफियाओ ने मानपुर थाना क्षेत्र में एक युवक की गोली मारकर हत्या कर दी थी। सारे में एक युवती की हत्या कर उसके शव को कुंए में फेंक दिया गया।
वहीं दूसरी तरफ लूट -छिनतई की घटनाएं आम बात हो गई है। बाइक लूट और पैसे लूट की घटनाएं भी तेजी से बढ़ी है। कब कौन कहां लूट लिया जाए, कुछ कहा नहीं जा सकता।
सीएम की जुबान पर आजकल मय, मीना, शाकी और पैमाने ही होते हैं। उनके द्वारा लागू शराब बंदी कानून के बाद से सबसे ज्यादा शराब की खेप नालंदा में ही पकड़ी जा रही है।
बावजूद शराब के धंधेबाज शराब की बिक्री में लिप्त हैं। शायद उनमे भी यहां कानून का कोई भय नहीं रह गह गया है।