“सभी थाना प्रभारी, अंचलाधिकारी एवं अन्य संबंधित पदाधिकारी भूमि विवाद से संबंधित मामले को प्राथमिकता देते हुए निराकरण करें। सभी थाना स्तर पर प्रत्येक शनिवार को भूमि विवादों के निराकरण हेतु अंचलाधिकारी के साथ थाना प्रभारी अनिवार्य रूप से जनता दरबार का आयोजन करें……….”
इसकी समीक्षा प्रत्येक सोमवार को संबंधित अनुमंडल पदाधिकारी एवं अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी सुनिश्चित करें। भूमि विवाद से संबंधित मामलों की प्रत्येक 15 दिनों में जिला पदाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक स्वयं समीक्षा करेंगे।
उक्त निदेश जिला पदाधिकारी डॉ त्यागराजन एसएम ने आज भूमि विवादों के निराकरण हेतु हरदेव भवन में आयोजित बैठक में सभी थाना प्रभारी, अंचलाधिकारी, अनुमंडल पदाधिकारी, अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी एवं अन्य पदाधिकारियों को दिया।
सभी पदाधिकारियों को भूमि विवाद से संबंधित मामलों के निराकरण को प्राथमिकता देते हुए ससमय निष्पादित करने का निर्देश दिया गया। इन मामलों के ससमय निष्पादन से बहुत से विधि व्यवस्था के मामले को उत्पन्न होने से रोका जा सकता है। सभी अनुमंडल पदाधिकारी एवं भूमि सुधार उप समाहर्ता को नियमित रूप से हल्का का निरीक्षण सुनिश्चित करने को कहा गया।
बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम के तहत लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी के समक्ष सुनवाई हेतु सभी लोक प्राधिकारों को यथासंभव स्वयं उपस्थित होने का निर्देश दिया गया।
विशेष परिस्थिति में ही योग्य एवं जानकार प्रतिनिधि को सुनवाई में उपस्थिति हेतु प्राधिकृत करने का निर्देश दिया गया। किसी भी परिस्थिति में सुनवाई के क्रम में लोक प्राधिकार/ प्रतिनिधि की अनुपस्थिति को स्वीकार नहीं किया जाएगा। अनुपस्थित रहने वाले लोक प्राधिकार के विरुद्ध कठोरतम कार्रवाई की जाएगी।
लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी द्वारा पारित किए गए आदेश का अनुपालन प्रतिवेदन संबंधित लोक प्राधिकार ससमय ऑनलाइन अपलोड करना सुनिश्चित करेंगे। इसके लिए आवश्यक हो तो प्रक्रिया की जानकारी हेतु आईटी मैनेजर का सहयोग लिया जा सकता है। हिलसा, सिलाव एवं परवलपुर अंचल में अनुपालन प्रतिवेदन अपलोड करने की स्थिति असंतोषप्रद पाई गई। जिला पदाधिकारी ने तीनों अंचलाधिकारी से स्पष्टीकरण पूछने का निर्देश दिया।
इस बैठक के उपरांत आगामी दशहरा पूजा के अवसर पर विधि व्यवस्था संधारण को लेकर विस्तृत चर्चा की गई एवं आवश्यक दिशा निर्देश दिया गया। सभी पदाधिकारियों को दशहरा के दौरान हमेशा सजग एवं सतर्क रहने तथा आसूचना संकलन पर विशेष ध्यान देने का निर्देश दिया गया।
मुहर्रम से पूर्व जिला पदाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक द्वारा विधि व्यवस्था संधारण को लेकर अनुमंडलवार बैठक की गई थी। सभी पदाधिकारियों को विधि व्यवस्था संधारण हेतु 31 बिंदु का चेक लिस्ट दिया गया था।
दशहरा के दौरान भी इन सभी बिंदुओं का अनुपालन सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया गया। सभी अनुमंडल पदाधिकारी एवं अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी को असामाजिक तत्वों के विरुद्ध सेक्शन 107 के तहत लगातार निरोधात्मक कार्रवाई सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया। सभी थाना में कैंप कोर्ट कर असामाजिक तत्वों से बॉन्ड भरवाने का निर्देश दिया गया।
मुहर्रम के अवसर पर सी सी ए के तहत पारित आदेश के अनुपालन में जिन असामाजिक तत्वों द्वारा निर्धारित थाने में उपस्थिति दर्ज नहीं कराई जा रही है, उनके विरुद्ध एक्ट के प्रावधान के अनुरूप प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया गया। दशहरा के अवसर पर शत प्रतिशत लाइसेंस, डीजे पर प्रतिबंध, विसर्जन मार्ग का भौतिक सत्यापन आदि जैसे महत्वपूर्ण निर्देशों का शत-प्रतिशत अनुपालन सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया गया।
थाना स्तर पर पूजा आयोजन समिति, स्थानीय शांति समिति, डीजे संचालकों आदि के साथ बैठक कर सभी महत्वपूर्ण निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित कराने को कहा गया। दशहरा मेला के दौरान रात्रि में मोटरसाइकिल से सघन पेट्रोलिंग सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया।
शराब के अवैध परिवहन एवं बिक्री को रोकने हेतु लगातार सघन वाहन चेकिंग अभियान चलाने का निर्देश दिया गया। जिला के सभी एंट्री प्वाइंट पर चेक पोस्ट लगाकर सघन चेकिंग सुनिश्चित करने को कहा गया।
बैठक में पुलिस अधीक्षक, अपर समाहर्ता, सभी अनुमंडल पदाधिकारी, अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी, भूमि सुधार उप समाहर्ता, पुलिस निरीक्षक, सभी थाना प्रभारी एवं अंचलाधिकारी आदि उपस्थित थे।