एक्सपर्ट मीडिया न्यूज। कोरोना के संक्रमण से बचने के लिए वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन और भारत सरकार ने कई दिशा-निर्देश जारी किए हैं। भले ही महानगरों और बड़े शहरों में लोग अपने स्तर से जागरूक हैं, और इस जानलेवा घातक संक्रमण से बचने के लिए जरूरी एहतियाती कदम उठा रहे हैं, लेकिन सरायकेला-खरसावां जिला के आदित्यपुर शहरी स्वास्थ्य केंद्र में सरकारी फरमान की किस तरह से धज्जियां उड़ाई जा रही है।
आइए इसका नजारा आपको हम दिखाते हैं। यह है आदित्यपुर शहरी स्वास्थ्य केंद्र, हमने अपनी पड़ताल में जो पाया उससे ऐसा कहीं से भी नहीं लग रहा है कि सरायकेला- खरसावां जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग इस खतरनाक संक्रमण को लेकर जागरूक है।
भले ही सरकारी विज्ञापनों और होर्डिंग में इसके नाम पर लाखों रुपए उड़ाए जा रहे हैं, लेकिन ग्राउंड जीरो की जो हकीकत है वह बेहद ही चौंकाने वाली है। इस अस्पताल के कर्मचारियों को यह भी नहीं पता कि सेनीटाइजर का प्रयोग कब किया जाना है।
यहां के सभी कर्मचारी भले ही मास्क लगाकर मरीजों की देखभाल कर रहे हैं, लेकिन मरीजों से संक्रमण फैलने के लिए जरूरी एहतियात यहां नहीं बरती जा रही है। किसी भी कर्मचारी के टेबल पर सैनिटाइजर का प्रयोग नहीं किया जा रहा है।
ऐसे में आप समझ सकते हैं कि इस खतरनाक बीमारी से लड़ने के लिए जरूरी दिशा निर्देश का पालन अस्पताल में नहीं किया जा रहा है।
वैसे जब इस बाबत यहां के कर्मचारियों से पूछा गया तो उन्होंने साफ तौर पर कहा है कि ऐसा कोई भी फंड विभाग की ओर से आवंटित नहीं किया गया है, जिससे वे सैनिटाइजर का प्रयोग खुद भी कर सके और यहां पहुंचने वाले मरीजों को भी कराएं।
आप समझ सकते हैं कि झारखंड में खासकर सुदूरवर्ती ग्रामीण इलाकों में इस खतरनाक बीमारी से लड़ने के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं।
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