एक्सपर्ट मीडिया न्यूज टीम। पिछले 48 घंटे से सुशासन बाबू यानि सीएम नीतिश कुमार के गृह जिले नालंदा के चंडी में दिसम्बर की ठंड में भी गर्म राजनीतिक तापमान में फिलहाल कमी आई है। चंडी पंचायत समिति सदस्यों द्वारा इस्तीफा देने के लिए मचा घमासान थम सा गया है।
नालंदा डीएम के आश्वासन के बाद चंडी पंचायत समिति सदस्यों द्वारा इस्तीफा देने के मामले का पटाक्षेप हो गया है।
गुरुवार को चंडी पंचायत समिति सदस्यों का एक प्रतिनिधि मंडल गंगौरा दक्षिणी पंचायत समिति सदस्य दयानंद यादव के नेतृत्व में नालंदा डीएम को आवास पर्यवेक्षक के खिलाफ भ्रष्टाचार की शिकायत की।
डीएम ने सदस्यों को आश्वासन दिया कि जनवरी में उक्त आवास पर्यवेक्षक का तबादला कर दिया जाएगा। अगर उसके खिलाफ शिकायत सही पाई गई तो उसे जेल जाने से कोई रोक नहीं सकता है।
प्रतिनिधि मंडल के सदस्य दयानंद यादव ने आवास पर्यवेक्षक रविकर रवि के द्वारा नरसंढा और सालेपुर पंचायत में की गई अनियमितता के भी सबूत डीएम को प्रस्तुत किया। डीएम ने चंडी पंचायत समिति सदस्यों को सहयोग करने का अनुरोध किया।
डीएम द्वारा सहयोग और कार्रवाई के आश्वासन के बाद फिलहाल पंचायत समिति सदस्यों ने इस्तीफा देने का निर्णय टाल दिया है। लेकिन सदस्यों का कहना है कि डीएम अगर एक माह के अंदर कोई कार्रवाई नहीं करते हैं तो उनके सामने विकल्प खुले है।
गौरतलब रहे कि चंडी पंचायत समिति सदस्यों ने आवास पर्यवेक्षक के भ्रष्टाचार के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है।
वरीय पदाधिकारी से शिकायत के बाद भी आवास पर्यवेक्षक पर कोई कार्रवाई नहीं होने से नाराज सदस्यों ने सामूहिक इस्तीफा देने के लिए बुधवार को डीएम के पास गए हुए थे। लेकिन बुधवार को डीएम से उनकी मुलाकात नहीं हो सकी।
इससे पहले डीडीसी के निर्देश पर डीआरडीए के डायरेक्टर संतोष कुमार श्रीवास्तव चंडी पहुँच कर नाराज सदस्यों को मनाने का प्रयास किया। लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली। हालांकि मीडिया से बातचीत में किसी प्रकार के मिले उपरी आदेश से साफ इंकार कर दिया था।
फिलहाल नालंदा डीएम ने सदस्यों को आश्वासन की घुट्टी पिला दी है। डीएम ने आवास पर्यवेक्षक के भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई की बात तो की। लेकिन अब तक आवास पर्यवेक्षक को इन सब मामलों से दूर रखा गया है। उनसे अब तक पूछताछ तो दूर जांच का निर्देश भी नहीं दिया गया है।
हो सकता है कि नालंदा डीएम सीएम के विकास यात्रा को लेकर मामले को ज्यादा तूल देना नही चाहते होंगे। उन्होंने फिलहाल मामले का पटाक्षेप तो कर दिया है। लेकिन अब देखना है नए साल में डीएम भ्रष्टाचार और भ्रष्ट अधिकारी के खिलाफ कितना एक्शन ले पाते हैं।