“बिहार में ‘हाइब्रीड स्पीक पॉल्टिक्स’ का अपना ही आलम है। विरासत की राजनीति और ‘फेस’ बेस इलेक्शन’ की फैक्ट्री से ऐसे कई यंग लीडर सामने आए हं, जिनकी सोच-कथन सीधे ‘म्यूजियम’ में रखने लायक होता है…?♂?”
एक्सपर्ट मीडिया न्यूज नेटवर्क। खबर है कि लोजपा के स्वंयभू राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने महिला दिवस पर महिलाओं की सुरक्षा को लेकर सवाल उठाए हैं।
गोपालगंज में चिराग ने कहा है कि बिहार में किसी थाने में महिला जवान और कर्मियों की तैनाती नहीं है। इसीलिए अपनी आप बीती सुनाने के लिए पुरुष अफसरों के सामने महिला फरियादी असहज महसूस करती हैं।
चिराग पासवान की अज्ञानता यही पर नहीं रुकी। उन्होंने आगे कहा कि बिहार में किसी भी दूर दराज के थाने में कोई महिला सिपाही नहीं है, महिला कर्मी नहीं है।
महिलाओं के साथ घरेलू हिंसा हो, महिलाओं का यौन उत्पीड़न हो इसको लेकर वो थाना में मौजूद पुरुष अधिकारियों से बताने में सहज महसूस नहीं करती हैं। इसलिए महिलाओं की चिंता वो नहीं करेंगे तो आखिर कौन करेगा।
सवाल उठता है कि जयप्रकाश आंदोलन की उपज केन्द्रीय मंत्री रामबिलास पासवान सरीखे नेता केे ‘चिराग’ एवं जमूई लोक सभा क्षेत्र से निर्वाचित सांसद चिराग पासवान को बिहार के बारे में कितनी जानकारी है। क्या उन्हें वाकई पता नहीं है कि बिहार के प्रायः जिलों में विशेष महिला थाना है और वहां महिला पुलिस अफसर ही तैनात हैं। शायद ही कोई ऐसा थाना हो जहां महिला पुलिस अफसर पदास्थापित न हों। महिला पुलिस भी सर्वत्र बहुतायात सेवारत हैं।