“यहां किसके संरक्षण से इतने बड़े घोटाले का खेल खेला जा रहा है, जिसमें गांव की नदी को मौत के कुआं जैसा गड्ढा कर अवैध तरीके से उसी बिहार शरीफ शेखपुरा रेलवे लाइन पर अवैध मिट्टी भराई का कार्य धड़ल्ले से किया जा रहा है।”
बिहारशरीफ (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज)। नालंदा जिले कि चहुंमुखी विकास के लिए सरकार हमेशा से प्रयत्नशील रही है। बिहार शरीफ से शेखपुरा तक रेल लाइन परियोजना इसका एक उदाहरण है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार बिहार शरीफ प्रखंड के तिउरी गांव के संरक्षित सफेदपोश व्यक्तियों के द्वारा अपने आप को ठेकेदार बताकर पश्चिम दिशा में स्थित गोइठवा नदी को बेतहाशा ढंग से गहरा कर रेलवे की अवैध मिट्टी भराई का कार्य किया जा रहा है, जिससे ग्रामीणों को जान माल की बाढ़ के बाद अपार क्षति की संभावना जताई जा रही है।
यहां तक कि इस बेतहाशा ढंग से खोदे गए नदी को ग्रामीण लोग मौत का कुआं बता रहे हैं और ग्रामीणों का दबी जुबान से कहना है कि इन सफेदपोशों के द्वारा इस अवैध खुदाई का जिम्मेवार आखिर भारतीय रेल लेगी या नालंदा जिला प्रशासन ही बड़े लोगों के संरक्षण में इस मौत के कुएं का निर्माण कराया है, जिससे बरसात के मौसम में नदी में पानी आ जाने के बाद नदी का सारा पानी गांव के तरफ चली आएगी और जान माल का काफी नुकसान होगा।
इन सफेदपोशों के द्वारा हद तो तब हो गई जब गांव के पश्चिम दिशा को छोड़ो गांव के पूरब दिशा में भी स्थिति सोयवा नदी को भी इसी तरह बेतहाशा ढंग से अवैध खुदाई कर रेलवे में अवैध मिट्टी भराई का कार्य किया जा रहा है। करीब 3 से 4 महीने से इस तरह का अवैध खुदाई का कार्य चल रहा है।
भारतीय रेलवे के जानकारी के अनुसार बताते चलें कि भारतीय रेलवे के द्वारा किसी भी तरह का मिट्टी भराई का कार्य में नदी का काली मिट्टी या चिकनी मिट्टी का उपयोग नहीं किया जाता है और जिस मिट्टी का उपयोग रेलवे लाइन भराई में किया जाता है उस मिट्टी के गुणवत्ता की जांच लैब में की जाती है और उसकी राशि केंद्र सरकार के द्वारा आवंटित की जाती है ना कि राज्य सरकार के अधिकृत भूमि को बेतहाशा ढंग से खोदकर उस मिट्टी का उपयोग किया जाता है।
लेकिन बिहार शरीफ शेखपुरा रेलवे लाइन में बिहारशरीफ से तिउरी गांव तक जिस नदी के चिकनी मिट्टी भराई का उपयोग किया गया उससे भविष्य में खतरे की आशंका है।
अब सवाल उठता है कि आखिर इतनी बड़ी मिट्टी घोटाला आखिर किसी बड़े सफेदपोश के संरक्षण से किया जा रहा है या जिला प्रशासन की शह से?