“हाल के दिनों में अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन स्थली नालंदा के राजगीर में प्रशासनिक लापरवाही बढ़ी है। गृद्धकूट पर्वत जाने वाले पैदल रास्ते पर फिर पर्यटक की मौतें उसी का परिणाम है…..”
राजगीर (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज)। खबर है कि गृद्धकूट पर्वत जाने वाली सीढ़ियों से पैदल जाने के क्रम में फिर एक पर्यटक की मौत हो गई। जिनकी पहचान उत्तराखंड के रुद्रपुर निवासी स्व. सोवन सिंह खंपा के 60 वर्षीय पुत्र हिम्मत सिंह खंपा के रुप में की गई है।
विगत 10 फरवरी को भी इसी गृद्धकूट पर्वत चढ़ने के क्रम में श्रीलंकाई महिला पर्यटक 69 वर्षीय देसी चंद्रशीली की मौत हो गई थी, जो अपने 40 सदस्यीय बौद्ध पर्यटकों के दल के साथ गृद्धकूट पर्वत स्थित भगवान बुद्ध तपस्थली दर्शन के लिए सीढ़ियां चढ़ रही थी।
उत्तराखंड के पर्यटक हिम्मत सिंह खंपा भी अपने 22 सदस्यों के साथ सुबह में गृद्धकूट पर्वत जाने के लिए दल के साथ पैदल सीढ़ियों से चढ़ रहे थे। जब वे उपरी हिस्से में पहुंचे तो उनकी भी तबियत बिगड़ने लगी और पुलिया के पास अचानक बेहोश होकर गिर गए। अचानक हुई इस घटना से दल में शामिल लोग घबरा गए।
तब हीरा मोड़ पर बोतलबंद पानी, माला पत्थर आदि बिक्रेताओं तथा डोली यूनियन संघ के सदस्यों ने उनकी मदद करते हुए और पर्यटक के चेहरे पर पानी डालकर होश में लाने का प्रयास किया।
डोली के सदस्यों के द्वारा फौरन नीचे लाया गया और अनुमंडलीय अस्पताल राजगीर में ईलाज के लिए भर्ती कराया गया। जहां डाक्टर ने जांच के बाद पर्यटक को मृत घोषित कर दिया। डॉ अजीत रंजन के अनुसार उनकी मौत हृदय गति रुक जाने से हुई है।
विदित हो कि पंच पहाड़ियों में रत्नागिरी पर्वत पर गृद्धकूट पर्वत श्रृंखला काफी ऊँचाई पर है, जहाँ तक जाने के देशी विदेशी पर्यटक डोली के माध्यम से ही पहाड़ पर जाते हैं। लेकिन कुछ पर्यटक दल पैदल भी चढ़ जाते हैं।
फरवरी माह में श्रीलंकाई पर्यटक और उत्तराखंड के पर्यटक की मौत हृदयाघात से हो जाना ज्यादा उम्र वालो के लिए पैदल यात्रा सुरक्षित नहीं है। इस दिशा में शासन द्वारा कोई व्यवस्था नहीं की गई है। पुलिस प्रशासन से जुड़े लोग विभिन्न स्थलों पर वसूली करने में व्यस्त नजर आते हैं।