“पुत्र मोह में फंसे एक पिता ने झामुमो नेता से सरेआम हाथ जोड़ यूं माफी मांगी….”
एक्सपर्ट मीडिया न्यूज। इस तस्वीर को देखकर आप चौंकिए मत, इस तस्वीर में हाथ जोड़कर जो व्यक्ति खड़ा है उसका नाम है गणेश प्रसाद श्रीवास्तव। इन्होंने 1 सप्ताह पहले झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता बाबू लाल सोरेन पर रंगदारी का आरोप लगाते हुए परसुडीह थाने में मामला दर्ज कराया था।
1 सप्ताह के बाद ही उन्होंने सार्वजनिक तौर पर अपनी भूल स्वीकारी और जमशेदपुर के करनडीह चौक पर खुले आम सैकड़ों लोगों के सामने हाथ जोड़कर अपनी गलती की माफी मांगी और साफ तौर पर कहा कि किसी के दबाव में आकर उन्होंने झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता बाबूलाल सोरेन पर आरोप लगाए थे।
वैसे किसके दबाव पर उन्होंने आरोप लगाया इसका खुलासा इन्होंने नहीं किया, लेकिन इस तस्वीर में जिस तरह से खुलेआम यह बीच सड़क पर जेएमएम नेता से माफी मांग रहे हैं, यह इतना आसान काम भी नहीं है। इसके पीछे की वजह पुत्र मोह है, जिसके चलते इन्होंने अपना बयान बदला है।
मामला 14 दिसंबर का है, जब ईंटा गिट्टी सप्लायर लखी यादव का गणेश श्रीवास्तव के बेटे और उसके दोस्तों के साथ हाथापाई हुई थी। उसमें लखी यादव बुरी तरह से घायल हो गया था। उसे लेकर परसुडीह थाना पुलिस ने गणेश श्रीवास्तव के बेटे को गिरफ्तार कर लिया था।
इधर मामले में राजनीति शुरू हुआ और मामले को रफा दफा करवाने के लिए झामुमो नेता बाबूलाल सोरेन के यहां गणेश श्रीवास्तव पहुंचे, मगर बतौर गणेश श्रीवास्तव 14 दिसंबर को दिए गए बयान के आधार पर उन्होंने झामुमो नेता पर सुलह के एवज में 1 लाख रुपए की मांग किए जाने की बाते मीडिया के समक्ष कहीं और फिर उन्होंने झामुमो नेता पर परसुडीह थाने में रंगदारी का मामला भी किसी के दबाव में दर्ज करा दिया।
इधर मामला बिगड़ता देख परसुडीह थाना पुलिस ने आरोपी युवक को जेल भेज दिया। इधर गणेश श्रीवास्तव के सामने एक तरफ कुआं तो दूसरी तरफ खाई की स्थिति उत्पन्न हो गई।
जिस बेटे को बचाने के लिए किसी के बहकावे में आकर उन्होंने झामुमो नेता पर रंगदारी का केस दर्ज कराया। बेटे के जेल जाते ही वे सभी गायब हो गए। अब इनके पास दूसरा कोई चारा नहीं बचा।
अंत में इन्होंने अपने बेटे को बचाने के लिए फिर से झामुमो नेता के शरण में ही जाना उचित समझा और बीच सड़क पर माफी मांगते हुए अपनी गलती स्वीकार की।
वहीं इस माफीनामा के बाद झारखंड मुक्ति मोर्चा नेता ने कहा कि उनकी छवि को खराब करने का साजिश रचा गया था। लेकिन बड़ा सवाल यह कि आखिर इस तरह से भरी सड़क पर माफी मंगवा कर उन्होंने क्या संदेश देना चाहा। यह तो वहीं जाने, लेकिन एक नेता के लिए यह कतई शोभनीय नहीं हो सकता।