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ओरमांझी जू में ‘अनुष्का’ ने टिकटॉक प्रेमी युवक को यूं नोच कर मार डाला

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एक्सपर्ट मीडिया न्यूज नेटवर्क।  राजधानी रांची के ओरमांझी स्थित भगवान बिरसा जैविक उद्यान में आज अनुष्का नामक बाघिन ने एक युवक को अपना शिकार बना डाला। शव की पहचान बुटी खिजरी टोला निवासी जियारत अंसारी के 30 वर्षीय पुत्र वसीम अंसारी उर्फ बबलू के रुप में हुई है…

ormanjhi zoo anushka baghin hamla22बताया जाता है कि अहले सुबह जैविक उद्यान खुलते ही वसीम टिकट काउंटर से भ्रमण टिकट खरीदा और घुमते हुए खूंखार बाघिन अनुष्का केज के पास पहुंचा। वहां कुछ युवक युवतियां मोबाइल से बाघिन की रिकार्डिंग कर रहे थे। टिकटॉक की बात सुनते ही वसीम केज घेरा पर खड़ा होकर पोज देने लगा और इसी बीच वह लड़खड़ाकर केज के गढ्ढा में गिर गया। वसीम के गिरते ही घूम रही अनुष्का टूट पड़ी और देखते ही देखते उसे नोंच कर मार डाला।

विश्वस्त प्रत्यक्षदर्शी सूत्रों के अनुसार युवक के पहुंचते ही पहले से इंतजार कर रहे 2-3 युवक-युवतियां अचानक हरकत में आए और इशारा पाकर पेड़ की डाली के सहारे बाघिन बाड़ा की जाली फांद कर दीवार पर चढ़ गया। थाड़ी देर बाद वह लड़खड़ाकर बाड़ा के गढ्ढे में गिर गया। त्यों ही अनुष्का दौड़ कर उस पर हमला कर दी और 10-12 मिनट तक नोचते-खसोटते रही, जब तक वसीम के प्राण-पखेरु न उड़ गए।

मृतक बबलू की छः महीना पहले ही उसकी शादी हुई थी। करीब तीन माह पहले उसका अपनी बीवी से तलाक हो गया था। तीन भाई-बहनों में सबसे बड़ा वसीमर कूली का काम कर अपने परिवार का भरण-पोषण करता था ।

वसीम के गर्दन पर बाघ के दांतों और पंजे के निशान मिले हैं। बिरसा जू का यह मंजर देखकर मौके पर मौजूद लोग अंदर तक कांप गए। एहतियात के तौर पर तुरंत सभी पर्यटकों को जू से बाहर निकाल दिया गया। सूचना मिलने के बाद मृतक बबलू के दोस्‍त और उसके परिजन बिरसा जू पहुंचे. लेकिन तब तक जू प्रशासन उसके शव को पोस्टमार्ट के लिए रिम्स भेज दिया था।

सीसीटीवी फुटेज के अनुसार बुधवार को दिन में 10:20 बजे इस युवक को काउंटर पर देखा गया। टिकट लेकर लगभग 10:45 बजे उसने बिरसा जू में प्रवेश किया। गेट से घुसते ही टिकट फाड़कर फेंक दिया। फिर सीधे बाघ के केज की ओर चल पड़ा।

जू प्रशासन के अनुसार आत्महत्या के ख्याल से ही वसीम दीवार लांघकर गड्ढे में कूदा तथा तथा खुद ही बाघ की ओर बढ़ गया। बाघ ने उसके गर्दन पर हमला बोला। दर्शकों ने चीखना-चिल्लाना शुरू कर दिया। कुछ दर्शकों ने उसे बचाने के लिए बाघ पर पत्थर भी फेंके। शोरगुल सुन बाघ उसे छोड़कर केज की ओर चला गया।

लेकिन तब तक वसीम की मौत हो गई थी। सूचना मिलते ही जू में दर्शकों का प्रवेश तत्काल रोक दिया गया। अंदर के दर्शकों को बाहर निकालकर उद्यान खाली कराया गया। स्थिति सामान्य होने पर दर्शकों का प्रवेश शुरु किया गया।

बिरसा जू के दैनिक प्रहरी रामदीप उरांव के अनुसार वसीम बाघिन के बाड़े के पास दौड़ते हुए आया और एकाएक उसने बाड़े में छलांग लगा दी। इस बीच बाघिन युवक की तरफ बढ़ी तो कुछेक युवक-युवतियां चीखने-चिल्‍लाने लगे।

हल्‍ला सुनकर जब वह मौके पर पहुंचे, तब तक बाघ ने युवक को अपनी गिरफ्त में ले चुका था। लोग बाहर से बाघ पर ईंट-पत्‍थर फेंककर उसे भगाने की कोशिश करने लगे।

घटना की जानकारी मिलने के बाद ओरमांझी थानाध्यक्ष श्याम किशोर महतो सदलबल वारदात स्थल पहुंचे और शव को बाहर निकाल कर सीधे पोस्टमार्टम के लिए रिम्स भेज दिया।

बहरहाल, इस वारदात ने भगवान बिरसा जैविक उद्यान प्रबंधन की घोर लापरवाही को एक बार फिर उजागर कर दिया है। यहां दर्शकों से भारी राशि वसूली के बाद भी दर्शकों की सुविधा और सुरक्षा व्यवस्था का कोई ख्याल नहीं रखा जाता है। सारे अधिकारी खाने-कमाने में व्यस्त रहते हैं। हर घटना के बाद प्रबंधन में सुधार की बात कही जाती है, लेकिन उस दिशा में कुछ नहीं किया जाता।

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