“शिक्षकों का अपना मान-सम्मान होती है। लेकिन नालंदा जिले राजगीर में हड़ताली शिक्षकों ने शासनिक प्रमुख सीएम नीतिश कुमार के खिलाफ खुली सड़क पर अमर्यादित नारे लगाए, उनकी मानसिकता पर सवाल खड़े करते हैं कि वे गुरु हैं या छुद्र राजनीतिक कार्यकर्ता ?….”
एक्सपर्ट मीडिया न्यूज। खबर है कि डूब मरो नीतीश कुमार के आगाज़ से हड़ताल के आज आठवें दिन नियोजित शिक्षकों ने राजगीर प्रखण्ड कार्यालय पर बिहार सरकार की भेदभाव नीति पर जमकर भड़ास निकाली।
बिहार राज्य शिक्षक सँघर्ष समन्वय समिति के तत्वाधान में नियोजित शिक्षकों का हड़ताल आज आठवें दिन भी जारी रहा। राजगीर प्रखण्ड इकाई के तमाम नियोजित शिक्षक सोमवार को प्रखण्ड कार्यालय परिसर में अनिश्चितकालीन हड़ताल पर डटे रहे।
शिक्षक संघ के सदस्य मिथलेश कुमार,अजय कुमार, इरफान मल्लिक आदि ने सरकार की अड़ियल नीति की भर्त्सना करते हुए हड़ताल पर डटे रहने पर कायम रहने की बात की।
सदस्यों ने कहा कि जब तक समान काम के बदले समान वेतन और अन्य मांगों को बिहार सरकार पूरा नही करती है तबतक यह हड़ताल अनिश्चितकाल के लिए जारी रहेगा।
शिक्षक संघ के हड़ताल को सम्बोधित करते हुए वक्ता दीप्ति कुमारी ने कहा कि सांसदों,विधायकों की वेतन वृद्धि ये लोग स्वेच्छा से एकमत हो कर कर लेते है लेकिन जब शिक्षक लोग वेतन के लिए मांग करते है तो इन राजनेताओं की बोलती बंद हो जाती है। एक समान कार्य करने वाले शिक्षकों के साथ सरकार भेदभाव बरत रही है।
हड़ताली शिक्षकों ने नीतीश कुमार मुर्दाबाद और शिक्षामंत्री मुर्दाबाद, नीतीश कुमार हाय-हाय, डूब मरो नीतीश कुमार जैसे नारे लगाए।
हड़ताल को दीप्ति कुमारी, ममता कुमारी, रेणु, धनन्जय, ललिता, मनोज, संजीव, प्रभु, यूसुफ एजाज, दरखसा हयात, अरविंद कुमार, रशिम, सुधीर, रजा मुराद, साकिब जिया, सुलेखा, शिम्पी, ब्यूटी कुमारी, राजेश कुमार, प्रभु यादव समेत दर्जनों शिक्षकों ने सम्बोधित किया।
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