अन्य
    Wednesday, April 24, 2024
    अन्य

      रांची रिम्स में इलाज के दौरान नगद राशि चुका रही है यूपी की ‘निर्भया’

      रांची (INR)। एक तरफ जहां झारखण्ड की रघुवर सरकार 1000 दिन पूरे होने की खुशी में सरकार की उपलब्धियां गिना कर अपनी पीठ खूद थपथपा रही है। वहीं दूसरी तरफ झारखण्ड की धरती पर दुष्कर्म की शिकार हुई उत्तर प्रदेश की एक महादलित परिवार की नौ वर्षीया नाबालिग निर्भया झारखण्ड की राजधानी रांची में राज्य के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल रिम्स में बेहतर इलाज के आस में घूट घुट कर जी रही है।

      रिम्स में जांच के नाम पर निर्भया के परिजनों को नगद रूपये का भुगतान करना पड़ रहा है। परिजन इतने गरीब और लाचार है कि वे लोग अब आगे किसी भी तरह के नगद भुगतान कर पाने में असमर्थ है। पहले के अपेक्षाकृत अब निर्भया की हालत में कुछ सुधार हुआ है। मगर निर्भया के माता-पिता रिम्स के इलाज से संतुष्ट नहीं है।

      निर्भया के परिजनों को इंतेजार है किसी मददगार की, जो उनकी मासूम बेटी का किसी प्राइवेट अस्पताल में बेहतर इलाज करा सके। मासूम निर्भया रांची के रिम्स में चौथी मंजिल पर स्थित लेबर रूम में एडमिट है।

      गुरुवार को भी निर्भया के बेड पर एक अन्य प्रसूति महिला को लेटा दिया गया था। निर्भया की मां के विरोध के बाद नर्सों ने उस बेड से प्रसूति महिला को हटाया।

      गढ़वा पुलिस ने दुष्कर्म के आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है………

      घटना के संबंध में मालूम हो कि झारखण्ड और उत्तर प्रदेश सीमा पर स्थित यूपी के सोनभद्र जिला अंतर्गत कोण थाना क्षेत्र की लड़की अपनी मां को विंढमगंज में ट्रेन बैठाने गई थी। माँ को ट्रेन में बैठाने के बाद यह नाबालिग बच्ची एक बस से वापस घर लौट रही थी।

      रास्ते में आरोपी मनोज ने उसे अपने झांसे में लेकर घर पहुंचाने का भरोसा दिया। घर पहुंचाने के बहाने वह रास्ते में गढ़वा जिला अंतर्गत खरौंधी थाना क्षेत्र के कोसलीवार जंगल की ओर ले जाकर उसके साथ दुष्कर्म किया।

      लड़की के बेहोश होने के बाद वह भाग गया। भागने के क्रम में गांव के कई लोगों ने उसे पहचाना। उसी आधार पर पुलिस ने कार्रवाई करते हुए उसे (मनोज भुइया) को गिरफ्तर कर लिया। पुलिस की पूछताछ में उसने अपना जुर्म कबूल किया है।

      संबंधित खबरें
      error: Content is protected !!