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    Saturday, April 20, 2024
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      तूल पकड़ा पुलिस पिटाई से मौत का मामला, तेजस्वी का फेसबुक पर बड़ा खुलासा

      एक्सपर्ट मीडिया न्यूज डेस्क। जारी लॉकडाउन के दौरान बेगुसराय जिले के नावकोठी अंचल के छतौना निवासी सामाजिक कार्यकर्ता संतोष शर्मा की कथित पुलिस पिटाई के बाद हुई मौत का मामला तूल पकड़ रहा है…

      इस मामले को बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष ने भी गंभीरता से लिया है और कार्रवाई न होने की दशा में लॉकडाउन के बाद जनआंदोलन छेड़ने की चेतावनी दी है।

      श्री यादव ने अपनी फेसबुक पेज पर लिखा है,

      tejaswi viral vedio“विक्रम पौद्दार का ग़ैर जातीय लड़की से प्रेमप्रसंग था। लड़की के स्वजातीय थाना प्रभारी ने उसे पुलिस कस्टडी में ले लिया। 3 दिन बाद सूचना प्राप्त होती है कि उसने कस्टडी में आत्महत्या कर ली।

      सामाजिक कार्यकर्ता संतोष शर्मा बिहार पुलिस से इस विषय पर सवाल करते है। बेगुसराय पुलिस उसे भी उठा लेती है।

      बक़ौल संतोष शर्मा एक सांसद के हस्तक्षेप के कारण पुलिस उसकी जमकर पिटाई करती है। राजद नेताओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं के दबाव में उसे छोड़ा जाता है।

      पिटाई के कारण उसकी दयनीय हालात देखकर इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया। अंत में संतोष शर्मा की मृत्यु हो जाती है।

      माननीय मुख्यमंत्री नीतीश जी, जी, लॉकडाउन के मध्य मानसिक अवसाद से ग्रस्त आपके कुछ कुंठित अधिकारी मानव अधिकारों का हनन कर रहे है। डीजीपी सड़ा देंगे-गला देंगे जैसे ग़ैर-ज़िम्मेदाराना बयान देकर ऐसे अधिकारियों का मनोबल बढ़ा रहे है। बेगुसराय में विक्रम और संतोष की कस्टडी में संस्थानिक हत्या हुई है।

      नीतीश जी, आप ऐसे पुलिसकर्मियों के चरित्र से भली-भाँति वाक़िफ़ है। अगर बेगुसराय और औरंगाबाद के अकौनी में हुई पुलिस ज्यादतियों के दोषी अधिकारियों पर कोई कारवाई नहीं हुई तो लॉकडाउन के बाद बड़ा जनआंदोलन होगा। इसलिए समय रहते कारवाई कीजिए”।

      बता दें कि इसके पहले  नावकोठी अंचल के छतौना निवासी व सामाजिक कार्यकर्ता संतोष शर्मा की पुलिस पिटाई में मौत होने का आरोप लगाते हुए विभिन्न राजनीतिक दलों ने मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है।

      वामपंथी नेताओं व कई छात्र संगठनों ने एसपी से तुरंत नावकोठी पुलिस अधिकारी को मुअत्तल करने, दोषी पदाधिकारी के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कर सख्त कानूनी कार्रवाई करने और मृतक के परिवार को समुचित मुआवजा भी देने की मांग की।

      इधर, सोशल मीडिया पर भी लोगों ने पुलिस के खिलाफ आक्रोश जताते हुए मामले की जांच की मांग की। भाकपा के पूर्व विधायक व जिला मंत्री अवधेश कुमार राय ने एसपी को पत्र लिखकर कहा कि संतोष एक सामाजिक कार्यकर्त्ता था और नावकोठी थाना द्वारा उसे बेवजह गिरफ्तार कर मारपीट की गयी। पुलिस पिटाई के कारण ही उनकी मृत्यु इलाज के दौरान हो गई। बिना पोस्टमार्टम कराये दाह-संस्कार करा दिया

      इधर, माकपा के जिला सचिव सुरेश यादव ने कहा कि संतोष की मौत स्वाभाविक नहीं बल्कि इसके पीछे स्थानीय पुलिस की भूमिका के प्रति सवाल खड़े हो रहे हैं। कुछ दिन पूर्व पुलिस ने मनगढ़ंत आरोप लगाकर उसे गिरफ्तार कर बेरहमी से पिटाई की थी। चोट इतनी गंभीर थी कि इलाज के दरम्यान उसकी मौत हो गई।

      परिवार पर दबाव देकर बिना पोस्टमार्टम कराये आनन-फानन में उसका दाह-संस्कार करा दिया गया। मामले की उच्चस्तरीय जांच हो व उसके परिजनों की सुरक्षा और 10 लाख रुपए मुआवजा मिले। मौत की घटना की निंदा की भाकपा माले के राष्ट्रीय आह्वान पर दो दिवसीय उपवास और धरना कार्यक्रम दूसरे दिन भी कार्यालय में जारी रहा।

      जिला सचिव दिवाकर कुमार ने कहा कि नावकोठी थाना के छतौना गांव निवासी ठाकुर संतोष कुमार शर्मा की बर्बरतापूर्वक पिटाई से हुई मौत की घटना की पार्टी तीव्र निन्दा करती है। साथ ही जिला प्रशासन और सरकार से नावकोठी थाना के दोषी पुलिस पदाधिकारी और पुलिस कर्मी पर कार्रवाई की मांग करती है।

      ठाकुर संतोष कुमार शर्मा की संदिग्ध स्थिति में मृत्यु से समूचा ज़िला हतप्रभ है। मृत्यु के पूर्व अस्पताल में किसी से की जानेवाली बातचीत का उनका ऑडियो सोशल मीडिया में वायरल है।

      वायरल ऑडियो उनकी साज़िशाना हत्या की तरफ़ इशारा कर रहा है। इसलिए इंसाफ़ का तक़ाज़ा है कि जनभावनाओं को देखते हुए ठाकुर संतोष शर्मा की संदिग्ध मौत की उच्च स्तरीय न्यायिक व प्रशासनिक जांच का आदेश मुख्यमंत्री दें।

      ताकि इंसाफ़ के कटघरे में नीरक्षीर विवेक के आधार पर दोषियों को खड़ा किया जा सके। सरकार उनकी पत्नी को पचास लाख रुपए की सहायता राशि और सरकारी नौकरी दे। आइसा कार्यकर्ताओं ने किया उपवास बेगूसराय। नगर प्रतिनिधि आइसा कार्यकर्ताओं ने रविवार को जिला कार्यालय में एक दिवसीय भूख हड़ताल पर बैठे।

      आइसा के जिला सचिव अभिषेक आनंद ने कहा कि संघर्षशील औऱ जुझारू युवा नेता संतोष आज हमारे बीच नहीं रहे। उनकी संदेहास्पद स्थिति में मौत ने हमारे जैसे हजारों युवाओं को झकझोर दिया।

      राज्य उपाध्यक्ष वतन कुमार ने कहा कि पिछले दिनों वीरपुर थाना में प्रेम प्रसंग मामले में पुलिस ने विक्रम पोद्दार नाम के युवक को गिरफ्तार किया था। उसकी मौत पुलिस कस्टडी में हो गई थी। ठाकुर संतोष शर्मा पुलिस कस्टडी हुए इस संदेहास्पद मौत की उच्च स्तरीय जांच की मांग को लेकर लगातार संघर्ष कर रहे थे।

      इस वजह से पुलिस ने संतोष को गिरफ्तार कर उनकी पिटाई की। उन्हें कई गंभीर अंदरूनी चोटें आई औऱ इलाज के दौरान मौत हो गई। हत्या की उच्य स्तरीय जांच हो एवं दोषी पुलिसकर्मी एवं षड्यंत्र में शामिल व्यक्तियों पर हत्या का मुकदमा दर्ज कर कानूनी कार्रवाई हो।

      नावकोठी थाना के छतौना गांव निवासी सामाजिक कार्यकर्ता ठाकुर संतोष कुमार शर्मा की मौत की जांच में लापरवाही बरतने पर छात्र व युवा सड़क पर उतरेंगे। ये बातें एआईएसएफ के जिला परिषद सदस्य साकेत कुमार ने कहीं।

      एआईएसएफ के जिलाध्यक्ष सजग सिंह ने एसपी को आवेदन देकर संतोष शर्मा की मौत की जांच आडियो के आधार पर करने की मांग की। कहा कि 6 अप्रैल को नावकोठी थाने की पुलिस ने संतोष को लॉकडाउन के नाम पर गिरफ्तार किया। उसकी बेरहमी से पिटाई की गई। मुकदमा नहीं करने की शर्त पर इलाज शुरू किया गया।

      माले के प्रखंड सचिव नूर आलम ने संतोष शर्मा की संदेहास्पद तरीसे हुई मौत की जांच कर दोषी पुलिसकर्मी एवं षडयंत्र में शामिल लोगों पर हत्या का मामला दर्ज करने व पीड़ित परिवार को ₹50 लाख रुपये मुआवजा देने की मांग सरकार से की है। भूख हड़ताल में माले नेता इंद्रदेव राम, लड्डू लाल दास, मोहम्मद सोहराब, प्रशांत कश्यप, सुधीर कुमार, शाहरुख आदि थे।

      एसपी एसपी अवकाश कुमार ने बताया कि ठाकुर संतोष शर्मा के परिजन ने अभी तक किसी तरह की आपत्ति दर्ज नहीं करायी है। उन्होंने सोशल मीडिया पर वायरल आडियो के संबंध में कहा कि वॉयस सेंपल की जांच तभी हो पाती, जब संतोष जिंदा होता। हालांकि डीएसपी को जांच के लिए कहा गया है।

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