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    Thursday, April 25, 2024
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      नालंदा में गुरूओं ने डकारे छात्रों का निवाला

      नालंदा (संवाददाता)। कभी जिस नालंदा की ज्ञान और गुरूओ की शिक्षा पर गर्व करता था बिहार। आज उसी गुरूओ के शर्मनाक कारनामे से शर्मशार है नालंदा। मिड डे मील में लापरवाही की शिकायतें तो पहले भी आती रही है। लेकिन नालंदा में तो हद ही हो गई है। यहां 105 स्कूलों के प्रभारी हेडमास्टर पर छात्रों का निवाला हडपने का गंभीर आरोप लगा है। छात्रों की उपस्थिति पंजी में हेरफेर कर मिड डे मिल का चावल और अन्य सामग्री गटक गए।

      हालांकि नालंदा डीएम ने कड़ी कार्रवाई करते हुए 85 सरकारी स्कूलों के प्रभारी हेड मास्टर से लगभग 10 लाख 45 हजार रूपये की वसूली की है। जबकि इस कार्रवाई के विरोध में 20 स्कूलों के एचएम ने डीईओ से गुहार लगाई है। जहाँ डीईओ की रिपोर्ट के बाद ही इन स्कूलों पर आगे कार्रवाई की जाएगी।

      ईमानदारी इस देश में लुप्त चीज हो गई है, तो बेईमानी उतनी ही पुरानी बात। कभी फर्जी डिग्री पर शिक्षक बनने का आरोप झेल रहे शिक्षक अब भ्रष्टाचार के आकंठ में डूब गए हैं। तभी तो शिक्षकों पर चावल बेचने का आरोप लगता रहा है। लेकिन अब नालंदा में व्यापक पैमाने पर मिड डे मील योजना बंदरबाट की शिकार हो गई है । छात्रों को मिलने वाली मिड डे मील का चावल हडपने में लगे है नालंदा के गुरु।

      मिड डे मील की डीपीओ शोभा रानी ने नालंदा डीएम त्यागराजन एसएम के आदेश पर जिले के सभी प्राथमिक और मध्य विद्यालयों में बनने वाली एमडीएम तथा छात्रों की उपस्थिति पंजी का मिलान किया। जिसमें जिले के 105 स्कूलों में छात्रों की उपस्थिति से ज्यादा उपस्थिति दिखाकर मिड डे मील का चावल और अन्य सामग्री का गोलमाल करने का भंडाफोड हुआ।

      इस कार्रवाई की जद में 105 स्कूलों में  85 स्कूलों से  दस लाख 45 हजार की राशि वसूली गई है जबकि अभी भी 20 स्कूलों के पास जो डीईओ से अपील को गए हैं उनके पास 7लाख 52 हजार की जुर्माना राशि बकाया है। कुछ माह पूर्व मिड डे मील योजना में गड़बड़ी करने वाले आधा दर्जन स्कूलों के सस्पेंड शिक्षक से भी जुर्माना राशि वसूली गई थी।

      इधर डीएम त्यागराजन एसएम ने स्कूलों को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर किसी स्कूल में फिर से गड़बड़ी की शिकायत मिलती है तो उन पर केस दर्ज कर उन्हें जेल भेजा जाएगा। बच्चों के जीवन से खिलवाड़ करने वाले शिक्षकों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। फिलहाल नालंदा डीएम की चेतावनी आने वाले समय में कितना असर दिखाती है यह तो भविष्य ही बताएगा।

      क्या है मिड डे मील योजना

      मध्याह्‌न भोजन स्कीम देश के 2408 ब्लॉकों में एक केन्द्रीय प्रायोजित स्कीम के रूप में 15 अगस्त, 1995 को आरंभ की गई थी। वर्ष 1997-98 तक यह कार्यक्रम देश के सभी ब्लाकों में आरंभ कर दिया गया।

      वर्ष 2003 में इसका विस्तार शिक्षा गारंटी केन्द्रों और वैकल्पिक व नवाचारी शिक्षा केन्द्रों में पढ़ने वाले बच्चों तक कर दिया गया। अक्तूबर, 2007 से इसका देश के शैक्षणिक रूप से पिछड़े 3479 ब्लाकों में कक्षा VI से VIII में पढ़ने वाले बच्चों तक विस्तार कर दिया गया है।

      वर्ष 2008-09 से यह कार्यक्रम देश के सभी क्षेत्रों में उच्च प्राथमिक स्तर पर पढने वाले सभी बच्चों के लिए कर दिया गया है। राष्‍ट्रीय बाल श्रम परियोजना विद्यालयों को भी प्रारंभिक स्‍तर पर मध्‍याह्न भोजन योजना के अंतर्गत 01.04.2010 से शामिल किया गया है।

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