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    Thursday, April 25, 2024
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      ‘भ्रष्टाचारियों, माफियाओं व दलालों का अड्डा बन गया है नालंदा डीईओ कार्यालय’

      ” डीईओ कार्यालय भ्रष्टाचारियों , शिक्षा माफियाओं व दलालों का अड्डा बन गया है। किसी काम के बदले जब शिक्षक पैसा देने को तैयार नहीं होते तो उन्हें विभागीय कार्रवाई की धमकी दी जाती है।”

      बिहारशरीफ (संवाददाता)। नालंदा जिला मुख्यालय बिहारशरीफ नगर के अस्पताल चौक पर शनिवार को जिले भर के शिक्षकों ने महाधरना का आयोजन किया। इसमें जिले के माध्यमिक, नियोजित, नियमित, टीईटी, उच्च माध्यमिक, व अन्य संगठनों से जुड़े शिक्षकों ने भाग लिया।

      संयुक्त शिक्षक संघर्ष मोर्चा के बैनर तले दिए गए धरने में जिलाध्यक्ष संजय कुमार सिन्हा ने कहा कि जिले का शिक्षा विभाग पूरी तरह से भ्रष्टचार में डूब गया है। यहां कोई भी काम बिना पैसा दिए नहीं होता। जिले भर के शिक्षक अपने ही विभाग के कर्मी व अधिकारियों के रवैए से त्रस्त हो चुके हैं।

      उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग के कर्मी अपने रवैए से बिटिश हुकुमत के भी कान काट रहे हैं। इसी कारण से जिले भर के त्रस्त शिक्षक आज हजारों की संख्या में यहां मौजूद हैं। चढ़ावा नहीं देने के कारण शिक्षकों की अनेक समस्याएं वर्षों से लंबित हैं। संचिकाएं धूल फांक रही हैं। रिश्वत की मांग को लेकर शिक्षकों व कर्मियों के बीच हर दिन नोंक झोंक होती है। ईमानदार शिक्षक विभाग जाने से डरते हैं।

      श्री सिन्हा ने कहा कि रिश्वत नहीं देने के कारण गत दिनों सरमेरा के उत्क्रमित मध्य विद्यालय सहदा के प्रधानाध्यापक रामाधीन सिंह से छात्रवृति का फार्म जमा करने के बदले रिश्वत नहीं देने पर धक्का मुक्की करते हुए मार-पीट की गई। इतना ही नहीं मामले को दबाने के लिए उल्टा संघीय नेताओं पर मुकदमा दर्ज करवा दिया गया। इनके अलावा जिले के कई शिक्षकों ने भी विभाग से जुड़ी अपनी-अपनी बातें रखीं।

      इस महाधरना में बिहार अराजपत्रित प्रारंभिक शिक्षक संघ, जिला प्राथमिक शिक्षक संघ, प्राथमिक शिक्षक संघ (गोप गुट),परिवर्तनकारी प्राथमिक शिक्षक संघ, माध्यमिक शिक्षक संघ, प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ, टीईटी, एसटीईटी उत्तीर्ण, नियोजित शिक्षक संघ व बिहार राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ के नेता व शिक्षक धरने में शामिल हुए।

      इनमें सूर्यकांत सिंह कांत, अर्जुन प्रसाद, धर्मेन्द्र कु मार, प्रशांत प्रियदर्शी, कुमार अमिताभ, विनायक लोहानी, भारतेन्दू, जितेन्द्र कुमार सिंह, प्रकाश चन्द्र भारती, मो. तसलीम उद्दीन, विनायक लोहानी, राकेश बिहारी शर्मा, हरेनद्र चौधरी, दिलीप कुमार, सुजीत कुमार, सुनीता सिन्हा, पिन्नू कुमार के अलावा हजारों की संख्या में लोग मौजूद थे।

      शिक्षकों की मुख्य मांगे………

      निर्दोष शिक्षकों पर की गई प्राथमिकी वापस ली जाए। दोषी कर्मियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाए। केन्द्रीकृत प्राप्ति काउन्टर की व्यवस्था की जाए। शिक्षकों की समस्याओं के निदान के लिए शिक्षक संघों से साप्ताहिक समय मे वार्ता का निर्धारण किया जाए। समस्याओं के निष्पादन के लिए समय सीमा तय की जाए। डीईओ कार्यालय को भ्रष्टाचार मुक्त किया जाए।

      डीईओ ने पूछा शोकॉज, शिक्षकों को पता नहीं

      डीईओ डॉ. विमल ठाकुर ने बताया कि डीईओ कार्यालय में पांच दिन पहले शिक्षक व कर्मियों के बीच हुए झगड़े को लेकर विभाग गंभीर है। इस प्रकार की हरकत सभ्य लोगों के लिए सोचनीय विषय है। इस मामले में नामजद बनाए गए सभी शिक्षकों से शो कॉज मांगा गया है।

      इधर शिक्षकों ने बताया कि अभी तक इसकी सूचना हम लोगों को नहीं है। अगर विभाग ने शोकॉज किया है तो इसकी सूचना हमलोगों को अब तक मिल जानी चाहिए थी। पर अभी तक ऐसा नहीं हुआ है।

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