“क्या कोल्हान के सबसे बड़े सरकारी एमजीएम अस्पताल के कर्मवीर यानि कोरोना से लड़ रहे आउटसोर्स स्वास्थ्यकर्मी सरकार और अस्पताल प्रशासन के साथ ऐसे विषम परिस्थिति में बार्गेनिंग करने का मन बना रहे हैं। क्या देश और राज्य के इस परिस्थितियों में ब्लैकमेल करने की तैयारी में है यहां के आउटसोर्स कर्मी…”
जमशेदपुर (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज)। एक तरफ पूरे विश्व के साथ देश और झारखंड के सभी राजनीतिक, प्रशासनिक, स्वास्थ्य एवं स्वयंसेवी संस्थान इस खतरनाक वायरस के संक्रमण से लड़ने को लेकर एकजुट है।
वहीं ऐसे वक्त में इस अस्पताल के आउटसोर्स कर्मचारी अपने स्वास्थ्य को लेकर चिंता जताते हुए अगले 24 घंटों के भीतर खुद को नियमित करने और सरकार की ओर से दी जाने वाली सुविधाओं में उन्हें भी शामिल किए जाने की डिमांड रखी है।
जहां इन्होंने साफ कर दिया है कि अगर 24 घंटे के भीतर इनकी मांगों पर विचार नहीं की जाती है, तो वे काम का बहिष्कार कर देंगे। वैसे इस अस्पताल में लगभग 70 आउटसोर्स कर्मचारी टेक्नीशियन पद पर है, जबकि 300 से भी अधिक नर्सेज एवं स्टाफ कार्यरत है।
इन्होंने दावा किया है कि अगर इन्हें जरूरी सुविधाएं मुहैया नहीं कराई जाती है तो ये लोग काम पर नहीं आएंगे। यानि जिन कर्मवीरों के भरोसे पीएम मोदी और झारखंड सरकार इस खतरनाक संक्रमण को रोकने का दावा कर रहे हैं। वही कर्मवीर बुरे वक्त में ब्लैकमेलिंग पर उतर गए हैं।
वैसे फैसला सरकार और अस्पताल प्रशासन को लेना है। फिलहाल इनके एलान के बाद एमजीएम अस्पताल में स्वास्थ्य सेवा चरमराने का संकट मंडराने लगा है।